What is POTS: पीओटीएस जिसे पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैकीकार्डिया सिंड्रोम (Postural Orthostatic Tachycardia Syndrome) कहते हैं, ये एक ऐसा मेडिकल कंडीशन है जो ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम को अफेक्ट करता है, जो हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर जैसे इनवॉलंटरी फंक्शंस को रेगुलेट करता है. पीओटीएस में, एक इंसान खड़े होने पर हार्ट रेट में तेजी से इजाफे का एहसास करता है. आमतौर पर 30 बीट प्रति मिनट या उससे ज्यादा. अक्सर चक्कर आना, हल्कापन, थकान, ब्रेन फॉग और बेहोशी जैसे लक्षणों के साथ
इस बीमारी से कैसे बचें?ये खास तौर से युवा महिलाओं को प्रभावित करता है लेकिन किसी को भी हो सकता है. इसका सटीक कारण क्लियर नहीं है, हालांकि ये जेनेटिक्स, वायरल इंफेक्शंस या ऑटोइम्यून कंडीशंस से जुड़ा हो सकता है. पीओटीएस को मैनेज और सेफ रहना लक्षणों को कम करने और लाइफ की क्वालिट में सुधार के लिए जरूरी कदम उठाना शामिल है. आइए जानते हैं कि इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है.
1. हाइड्रेट रहेंडिहाइड्रेशन पीओटीएस के लक्षणों को बढ़ाता है, इसलिए खूब पानी पिएं, दिन में कम से कम 2-3 लीटर, और ब्लड वॉल्यूम मेंटेन रखने के लिए इलेक्ट्रोलाइट रिच फ्लूइड पीते रहें.
2. सॉल्ट इनटेकडॉक्टर की सलाह पर शरीर में नमक की एक निश्नित मात्रा मेंटेन रहती है, जिससे ब्लड प्रेशर स्टेबलाइज रहेगा और चक्कर आने जैसी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
3. कम्प्रेशन गारमेंट्स पहनेंकम्प्रेशन मोज़े या स्टॉकिंग्स ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं, खड़े होने पर पैरों में खून जमा होने से रोकते हैं.
4. सावधानी से कसरत करेंसाइकिल चलाना या तैराकी जैसे कोमल, लेटे हुए व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं और लक्षणों को ट्रिगर किए बिना दिल की सेहत में सुधार कर सकते हैं. अचानक पोजीशन बदलने से बचें, क्योंकि जल्दी उठने से बेहोशी आ सकती है.
5. डॉक्टर से सलाह लेते रहेंपीओटीएस के लक्षण अलग-अलग होते हैं, इसलिए जरूरी दवाओं या लाइफस्टाइल में बदलाव सहित पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान अहम हैं. ट्रिगर्स को ट्रैक करने के लिए एक सिम्पटम डायरी रखें और इसे अपने डॉक्टर के साथ शेयर करें. हद से ज्यादा गर्मी, लंबे समय तक खड़े रहने और भारी भोजन से बचें, जो लक्षणों को बढ़ा सकते हैं. अगर आपको बेहोशी महसूस हो तो गिरने से बचने के लिए लेट जाएं या सिर नीचे करके बैठ जाएं.
बच सकते हैं आपपीओटीएस को समझकर और इन रणनीतियों को अपनाकर, आप लक्षणों को प्रभावी ढंग से मैनेज और रिस्क को कम कर सकते हैं और एक सेफ, ज्यादा कंफर्टेबल लाइफ जी सकते हैं. इसके लिए आप डॉक्टर से मिलकर रेगुलर हेल्थ चेकअप कराते रहें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.