What is Opioid Use Disorder New research have potential to treat this Disease | Opioid Use Disorder: ये किस बुरी लत का नाम है? अब पेशेंट में जगी इलाज की नई उम्मीद

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What is Opioid Use Disorder New research have potential to treat this Disease | Opioid Use Disorder: ये किस बुरी लत का नाम है? अब पेशेंट में जगी इलाज की नई उम्मीद



Opioid Use Disorder: ओपिओइड यूज डिसऑर्डर (OUD) एक जटिल बीमारी है, जिसमें इंसान ओपिओइड दवाओं का मजबूरन यूज करता है, भले ही वो इसे बंद करना चाहता हो, या जब दवाओं का इस्तेमाल आपके के फिजिकल और इमोशनल वेलबीइंग पर नेगेटिव इफेक्ट डालता हो. हालांकि अब इसके इलाज को लेकर संभावनाएं बढ़ गई हैं. 

रिसर्च ने खोले इलाज के रास्तेजीएलपी-1 रिसेप्टर पर नए शोध ने ओपिओइड यूज डिसऑर्डर (OUD) के ट्रीटमेंट के लिए नई उपचार संभावनाओं का एक क्षेत्र खोल दिया है. अमेरिका में पेंसिल्वेनिया (Pennsylvania) के कैरॉन ट्रीटमेंट सेंटर्स (Caron Treatment Centers) में आयोजित 3 हफ्ते के फेज I की स्टजी में, ओयूडी के लिए रेसिडेंशियल ट्रीटमेंट से गुजर रहे 20 प्रतिभागियों को एनरोल किया गया, जिसमें नोवो नॉर्डिस्क के सैक्सेंडा (लिराग्लुटाइड), एक जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (जीएलपी-1आरए) का ओयूडी के लिए मोनोथेरेपी के रूप में आंकलन किया गया.
40 फीसदी एडिक्शन कम हुआप्रमुख डेटा और विश्लेषण कंपनी ग्लोबलडाटा के मुताबिक, इस स्टडी ने मौजूदा इलाज को टक्कर देने की अपनी क्षमता पेश की और सैक्सेंडा लेने वालों में ओपिओइड की तलब में 40 फीसदी की कमी दिखाई.  मूल रूप से डायबिटीज के इलाज के लिए विकसित, जीएलपी-1आरए इंसुलिन सिक्रीशन को स्टिमुलेट करके और ग्लूकागन रिलीज को दबाकर काम करते हैं, जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
दवा डेवलपर्स की दिलचस्पी बढ़ीग्लोबलडाटा में फार्मा एनालिस्ट जोस ओपडेनाकर (Jos Opdenakker) ने कहा, “हालांकि, ब्रेन के मेसोलिम्बिक सिस्टम में जीएलपी-1 रिसेप्टर्स हैं, जो मोटिवेशन और रिवार्ड से अटूट रूप से जुड़े हुए हैं. इससे दवा डेवलपर्स की दिलचस्पी बढ़ी है जो ओपिओइड क्राइसिस से निपटने के लिए अपने प्रोडक्ट के लेबल का एक्सपैंड करना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा कि शुरुआती क्लीनिकल वर्क ने दिखाया है कि जीएलपी-1आरए ओयूडी के इलाज में एक आशाजनक नया मार्ग है, क्योंकि मौजूदा ट्रीटमेंट लैंडस्केप इनोवेशन की कमी और ओपिओइड एगोनिस्ट थेरेपी पर भारी डिपेंडेंसी से दबा हुआ है.
ज्यादा रिसर्च की जरूरतग्लोबलडाटा के ड्रग डेटाबेस के मुताबिक, मौजूदा वक्त में लेट स्टेज डेवलपमेंट (फेज IIबी-III) में 7 एजेंटों में से 6 नॉन-ओपिओइड हैं. वर्तमान में, पाइपलाइन एजेंटों में से कई के लिए उपलब्ध प्रभावकारिता डेटा की कमी है. इसलिए, पाइपलाइन में नॉन-ओपिओइड की मौजूदगी के बावजूद, उच्च-प्रभावकारिता वाले गैर-ओपिओइड ओयूडी इलाज एक दोहन के लायक मौके बने हुए हैं.

ओयूडी के अलावा, जीएलपी-1आरए की दूसरे न्यूरोलॉजी इंडिकेशन में भी जांच की जा रही है, जैसे कि अल्जाइमर डिजीज और इससे जुड़े कॉगनिटिव इम्पेयरमेंट, पार्किंसंस डिजीज, शराब पर निर्भरता, पेरिफेरल न्यूरोपैथी और इंट्राक्रैनियल हाई बीपी का इलाज करना. डेवलपर्स ने जीएलपी-1आरए की क्षमता को पहचाना है, और न्यूरोलॉजिकल एजेंट्ल का एक नया वर्ग विकसित हो रहा है.

(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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