What is Mean Platelet Volume: मीन प्लेटलेट वॉल्यूम यानी एमपीवी (MPV) एक ब्लड टेस्ट मेजरमेंट है जो खून में प्लेटलेट्स के एवरेज साइज को इनडिकेट करता है. प्लेटलेट्स छोटे ब्लड सेल्स होते हैं जो खून के थक्के जमने और घाव भरने में मदद करती हैं. एमपीवी अक्सर एक कम्पलीट ब्लड काउंट (CBC) में शामिल होता है और बोन मैरो में प्लेटलेट के प्रोडक्शन के बारे में जानकारी देता है.
हाई एमपीवी की मीनिंगएक हाई एमपीवी का मतलब यंग और ज्यादा एक्टिव प्लेटलेट्स हो सकता है, जो अक्सर सूजन या प्लेटलेट डिस्ट्रक्शन जैसे कंडीशंस में देखा जाता है. डॉ. राहुल भार्गव (Dr. Rahul Bhargava), प्रिंसिपल डायरेक्टर एंड चीफ-हेमेटोलॉजी, ऑन्कोलॉजी एंड बीएमटी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने कहा कि एक कम एमपीवी बोन मैरो डिसऑर्डर या प्लेटलेट प्रोडक्शन में कमी का इशारा दे सकता है. एमपीवी डॉक्टरों को अलग-अलग हेल्थ कंडीशंस का आकलन करने में मदद करता है, खासकर खून के थक्के जमने, हार्ट से जुड़े रिस्क और बोन मैरो फंक्शंस से जुड़े हालात का.
यह खतरनाक क्यों है?एक एब्नॉर्मल मीन प्लेटलेट वॉल्यूम (एमपीवी) खतरनाक हो सकता है क्योंकि ये अंडरलाइंग हेल्थ इश्यूज का इशारा दे सकता है. हाई एमपीवी लेवल अक्सर बड़े, ज्यादा रिएक्टिव प्लेटलेट्स को इनडिकेट करते हैं, जो खून के थक्कों के बढ़ते रिस्क से जुड़े होते हैं. इससे दिल के दौरे, स्ट्रोक और डीप वेन थ्रोम्बोसिस जैसी सीरियस कार्डियोवेस्कुलर डिजीज हो सकती हैं. हाई एमपीवी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी कंडीशंस से भी जुड़ा हुआ है, जो सभी दिल से जुड़े रिस्क को बढ़ाते हैं.
इसके उलट, लो एमपीवी कम प्लेटलेट प्रोडक्शन की तरफ इशारा कर सकता है, जो बोन मैरो डिसऑर्डर, जैसे कि एप्लास्टिक एनीमिया या ल्यूकेमिया का संकेत हो सकता है. ये क्रोनिक किडनी डिजीज या कुछ ऑटोइम्यून बीमारियों में भी देखा जा सकता है. लो प्लेटलेट एक्टिविटीज मामूली चोटों के साथ भी हद से ज्यादा ब्लीडिंग के रिस्क को बढ़ा सकती है.
दूसरे ब्लड पैरामीटर्स के साथ एमपीवी की निगरानी करने से डॉक्टरों को इन स्थितियों का जल्द पता लगाने, इलाज के फैसलों को गाइड करने और जटिलताओं के जोखिम का आकलन करने में मदद मिलती है, खासकर असामान्य थक्के या ब्लीडिंग से जुड़े कॉम्पलिकेशंस का.
एमपीवी लक्षणएब्नॉर्मल एमपीवी खुद लक्षण पैदा नहीं करता है, लेकिन अंडरलाइंग कंडीशंस को दिखाता है. अगर एमपीवी अधिक है, तो लक्षणों में सीने में दर्द, सिरदर्द, विजन में चेंजेज या सुन्नता शामिल हो सकती है-संभावित खून के थक्कों या स्ट्रोक के लक्षण. कम एमपीवी में बार-बार नाक से खून आना, आसानी से चोट लगना या लंबे समय तक खून बहना हो सकता है, जो संभावित प्लेटलेट या बोन मैरो प्रॉब्लम्स का संकेत देता है.
इसका इलाजइसका इलाज मूल कारण पर फोकस्ड है. हाई एमपीवी के लिए, डॉक्टर खून पतला करने वाली दवाएं या हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज जैसी परेशानियों को मैनेज करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं. लो एमपीवी के लिए, इलाज में अंडरलाइंग डिजीज का मैनेजमेंट, विटामिन की खुराक, या गंभीर मामलों में, बोन मैरो थेरेपी शामिल हो सकती है.
डाइटडाइट एक सपोर्टिव रोल अदा करता है. हेल्दी प्लेटलेट फंक्शंस के लिए, ओमेगा -3 फैटी एसिड (जैसे मछली और अलसी), पत्तेदार साग (विटामिन के), खट्टे फल (विटामिन सी) और साबुत अनाज से भरपूर फूड आइटम्स खाएं. हद से ज्यादा शराब और प्रोसेस्ड फूड से बचें. हाइड्रेटेड रहने और बैलेंस डाइट मेंटेन रखने से ओवरऑल ब्लड हेल्थ का सपोर्ट होता है और इनडायरेक्टली एमपीवी को रेगुलेट करने में मदद मिल सकती है.