पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम ने बवाल मचा दिया है. अभी तक इसके 73 मामलों की पुष्टि की गयी है. जिसमें से 14 लोगों को शुक्रवार के दिन वेंटिलेटर पर रखा गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस सिंड्रोम से एक व्यक्ति की मौत भी हुई है. तेजी से फैलने के कारण यह जानलेवा सिंड्रोम कोरोना के बाद महामारी का रूप भी ले सकता है. ऐसे में इसके लक्षण, बचाव के उपायों को जानना जरूरी है-
क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम
यह एक जानलेवा न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, इसके होने के कारण को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं है. इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम ही नर्वस पर अटैक कर देता है, जिससे कमजोरी, सुन्नता और लकवा का भी खतरा होता है. ऐसे में मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत होती है, इसके अभाव में मौत का खतरा होता है.
गुइलेनन बैरे सिंड्रोम का लक्षण
इस सिंड्रोम के लक्षण इंफेक्शन के बाद 6 हफ्ते में नजर आते हैं. इसके शुरुआती लक्षणों में हाथ-पैर में सुन्न और झनझनाहट शामिल है. इसके अलावा शरीर में थकान, फेशियल मूवमेंट में दिक्कत, आंखें घुमाने में तकलीफ, दर्द के साथ खुजली, पेशाब कंट्रोल न होना, हार्ट बीट का बढ़ना, सांस लेने में परेशानी.
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डॉक्टर को तुरंत दिखाएं
यदि आपके पैर की उंगलियों या अंगुलियों में हल्की झुनझुनी है जो बदतर हो रही है, सीधे लेटने पर सांस पकड़ने में परेशानी या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है या दम घुट रहा है तो अपने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर को कॉल करें.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.