गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्हीं में से एक है जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes).यह समस्या प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से खून में शुगर का लेवल बढ़ने से होती है.
हालांकि यह दिक्कत आम तौर पर प्रसव के बाद ठीक हो जाती है, मगर गर्भावस्था के दौरान यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकती है. इससे बच्चे को जन्मजात होने वाली बीमारियों का खतरा 40-50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कुछ आसान उपायों को अपनाकर आप गर्भावधि मधुमेह के खतरे को कम कर सकती हैं.
जेस्टेशनल डायबिटीज से बचाव के उपाय-
हेल्दी खानपान
प्रेगनेंसी में खाने-पीने का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. मीठी चीजों, पैकेज्ड फूड और कोल्ड ड्रिंक्स से दूरी बनाएं. इसकी जगह अपनी डाइट में साबुत अनाज, दालें, हरी सब्जियां और ताजे फलों को शामिल करें. ये चीजें न सिर्फ आपको पोषण देती हैं बल्कि ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखने में मदद करती हैं.
व्यायाम
नियमित व्यायाम न केवल वजन को कंट्रोल में रखता है बल्कि शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बढ़ाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर की सलाह से हल्का व्यायाम, तेज चलना या फिर योग करना जेस्टेशनल डायबिटीज से बचाव में मददगार साबित हो सकता है.
वजन पर नियंत्रण
अगर आप गर्भवती होने से पहले से ही हेल्दी वेट बनाए रखती हैं, तो जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है. वहीं, प्रेग्नेंसी के दौरान भी डॉक्टर के बताए अनुसार वजन बढ़ाना जरूरी है.
धूम्रपान और शराब से दूर रहें
धूम्रपान और शराब का सेवन न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा भी बढ़ा सकता है. इसलिए इन चीजों से पूरी तरह से परहेज करें.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.