हमेशा से कहा जाता रहा है कि थोड़ी कठिन ट्रेनिंग आपको तंदुरुस्त रखती है. हेल्थ एक्सपर्ट बड़ी उम्र के लोगों को भी जिम जाने की सलाह देते हैं, लेकिन हर किसी के लिए जिम जाना संभव नहीं होता. हर व्यक्ति का शरीर उसे ये इजाजत भी नहीं देता कि वह जिम में एक या आधे घंटे की ट्रेनिंग कर सके. ऐसे लोगों के लिए कसरत करने का एक नया तरीका है एक्सरसाइज स्नैकिंग.
क्या है एक्सरसाइज स्नैकिंग?
एक्सरसाइज स्नैकिंग का मतलब है दिनभर में कई बार थोड़ी-थोड़ी देर के लिए व्यायाम करना. यह ठीक वैसे ही है, जैसे दिन में एक साथ ज्यादा भोजन न कर पाने वाले थोड़ा-थोड़ा कुछ न कुछ खाते रहते हैं. इसे एक तरह का मिनी वर्कआउट भी कहा जा सकता है, जिसे दिन में कई बार कम से कम 20 सेकंड तक के लिए करते हैं.
अध्ययन में कई चीजें आई सामने
मेलबर्न यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के बाद कहा है कि अगर लोग दिनभर में कई बार कुछ-कुछ देर के लिए वर्कआउट करें तो वो भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. चार हफ्ते तक घर पर दिन में दो से तीन बार चंद मिनट के लिए कसरत करने से मसल्स को मजबूती मिलती है. अध्ययन के शोधकर्ता डॉ. मैथ्यू स्टॉर्क ने बताया कि अगर इस व्यायाम को घर पर दिन में दो या उससे अधिक बार किए जाए तो मसल्स की सेहत में सुधार की संभावना दोगुनी हो जाती है. यह उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है, जो जिम में भारी-वजन उठाना नहीं चाहते या उठा नहीं पाते.
स्नैकिंग में क्या-क्या करें* सीढ़ी चढ़ना-उतरना* थोड़े-थोड़े समय पर तेजी से चलना* पिंडली पर खड़े हो जाना* हल्के पुश अप लगाना
यह मिलेगा फायदाजैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, चलने या खड़े होने के लिए जिन मसल्स का उपयोग करते हैं उनमें ताकत कम होती जाती है. ऐसे में इस तरह के व्यायाम से मसल्स को मजबूत रखकर जोड़ों के दर्द को कम कर सकते हैं.
जहां जगह मिले, वहां करेंव्यायाम स्नैकिंग के लिए किसी भी उपकरण या जगह की जरूरत नहीं होती है. यह घर, ऑफिस या कहीं भी छोटी जगह पर कर सकते हैं. इसमें न तो कड़ी ट्रेनिंग करनी पड़ती है और न ही पसीना बहाना पड़ता है.
31 फीसदी सुधार हुआ55 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों पर शोध किया. एक महीने तक बिना ट्रेनिंग के घर पर दो बार एक्सरसाइज स्नैक्स देने को कहा गया. 30 दिन बाद सभी की मसल्स की क्षमता में 31 फीसदी का सुधार हुआ.