What Is Bone Ossification Test: मुंबई के राजनेता बाबा सिद्दीकी के मर्डर के मामसे में अब तक 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इनमें से एक मुल्जिम धर्मराज कश्यप ने नाबालिग होने का दावा किया गया था. इसकी जांच करने के लिए कोर्ट ने आरोपी के बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट का आदेश दिया था. इस टेस्ट के बाद ये बात कंफर्म हो गई कि आरोपी धर्मराज नाबालिग नहीं है. क्या आप जानते हैं बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट क्या है?
बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट को समझें
बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट एक मेडिल प्रोसीजर है जिसमें किसी इंसान की उम्र का पता करने के लिए हड्डियों को एनालाइज किया जाता है. इस टेस्ट में शरीर की कुछ हड्डियों, जैसे कि क्लेविकल (Clavicle), स्टर्नम (Sternum) और पेल्विस (Pelvis) का एक्स-रे लेना होता है, ताकि हमारे बोन्स की ग्रोथ की डिग्री का पता लगाया जा सके. इन हड्डियों को इसलिए चुना जाता है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ इनके शेप में सबसे गजब के चेंजेज आते हैं.
यह भी पढ़ें- Baba Siddique Family: बेटी डॉक्टर और बेटा कांग्रेस विधायक… बाबा सिद्दीकी के परिवार में कौन-कौन?
चूंकि कुछ हड्डियां इंसान के डेवलप्मेंट के स्टेज के मुताबिक कुछ उम्र में सख्त हो जाती हैं और एक-दूसरे के साथ जुड़ जाती हैं, इसलिए हड्डियां उम्र को पहचानने का एक तरीका हो सकती हैं. बाबा सिद्दीकी के मर्डर के आरोपी धर्मराज कश्यप के मामले में भी बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट की मदद ली गई. भारतीय अदालत अक्सर इस जांच का सहारा लेती है, लेकिन कई बार इस तरीके को उम्र का पता लगाने के लिए पूरी तरह परफेक्ट नहीं माना जाता है.
खिलाड़ियों के लिए यूज होता है ये टेस्ट
आपने अक्सर देखा होगा कि खिलाड़ी अपनी कम उम्र बताकर अंडर-17 या अंडर-19 के टूर्नामेंट में शामिल होने की कोशिश करते हैं, ऐसे में बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट उनकी पोल खोल सकता है. इसलिए अब कोई भी अपनी उम्र छिपाने की कोशिश करता तो उस पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी की तरफ से सख्त कार्रवाई होती है.
(Disclaimer:प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)