What is Bells Palsy Maharashtra Minister Dhananjay Munde Disease Symptoms Treatment and Recovery | एनसीपी नेता धनंजय मुंडे को हुआ Bell’s Palsy, जानिए क्या है ये बीमारी, कैसे पहचानें इशारे?

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What is Bells Palsy Maharashtra Minister Dhananjay Munde Disease Symptoms Treatment and Recovery | एनसीपी नेता धनंजय मुंडे को हुआ Bell's Palsy, जानिए क्या है ये बीमारी, कैसे पहचानें इशारे?



What is Bell’s Palsy: महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने 20 फरवरी 2025 को बताया कि उन्हें ‘बेल्स पाल्सी’ डायग्नोज हुआ है और वह ठीक से बोलने में असमर्थ हैं, जिससे वो कैबिनेट की मीटिंग्स में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं. हालांकि उन्होंने वादा किया है कि वो रिकवर होने के बाद सार्वजनिक तौर से सामने आएंगे.

धनंजय मुंडे ने बताई अपनी परेशानीधनंजय मुंडे ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मेरी दोनों आंखों की सर्जरी 15 दिन पहले हुई थी. तकरीबन 10 दिनों तक उन्हें आंखों की देखभाल करने की सलाह दी गई, खास तौर से तेज रोशनी, धूल और धूप से. इस बीच, मुझे बेल्स पाल्सी नामक एक बीमारी डायग्नोज हुई. इस मर्ज की वजह मैं अभी 2 मिनट तक ठीक से बोल नहीं सकता. इसलिए मैं एक या दो कैबिनेट और पार्टी के जनता दरबार प्रोग्राम में हिस्सा नहीं ले पा रहा हूं.” 
 

बेल पाल्सी क्या है?बेल पाल्सी एक मेडिकल कंडीशन है जो चेहरे की मांसपेशियों में अचानक, अस्थायी कमजोरी या पैरालिसिस का कारण बनती है. ये फेशियल नर्व (क्रेनियल नर्व VII) में सूजन या डैमेज के कारण होता है, जो चेहरे के एक तरफ के मूवमेट को कंट्रोल करती है. इसके कारण मुंह का लटकना, आंख बंद करने में दिक्कतें, बोलने में परेशानी और फेशियल एक्सप्रेशंस का लॉस होता है.
बेल पाल्सी होने की वजह और रिस्क फैक्टर्सबेल्स पाल्सी का सटीक कारण हमेशा क्लीयर नहीं होता, लेकिन इसे अक्सर वायरल इंफेशंस जैसे कि हर्पीस सिंप्लेक्स (सर्दी के घाव), एपस्टीन-बार वायरस, या रेस्पिरेटरी इंफेक्शंस से जोड़ा जाता है. दूसरे रिस्क फैक्टर्स में डायबिटीज, प्रेग्नेंसी, स्ट्रेस, और कमजोर इम्यूनिटी शामिल हैं.
 
बीमारी के लक्षण
1. चेहरे के एक तरफ अचानक कमजोरी या लकवा2. मुंह का लटकना और मुस्कुराने में दिक्कत3. आंख बंद करने में परेशानी4. खाने में टेस्ट न आना 5. एक कान में आवाज के प्रति बढ़ी हुई सेंसिटिविटी

इसका इलाज और रिकवरीबेल्स पाल्सी की परेशानी आमतौर पर अस्थायी होती है, जिसमें ज्यादातर मरीज कुछ हफ्तों से लेकर महीनों के भीतर ठीक हो जाते हैं. इलाज की बात करें तो, इसमें कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) , एंटीवायरल दवाएं (Antiviral medications), फिजिकल थेरेपी (Physical therapy) और आंखों की देखभाल शामिल हो सकती है. जबकि ये चिंताजनक हो सकता है, लेकिन जल्द इलाज और दवा रिकवरी के चांसेज को बढ़ा सकते हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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