एसीएल यानी एंटीरियर क्रूसीएट लिगामेंट घुटने की हड्डियों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण लिगामेंट होता है. जब यह लिगामेंट टूट जाता है तो इसे एसीएल इंजरी कहते हैं. यह ज्यादातर स्पोर्ट्स पर्सन में होता है. लेकिन आम आदमी भी इससे अछूता नहीं है. एसीएल इंजरी के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय क्या हैं, जानिए इस लेख में.
प्रिस्टिन केयर मे एसीएल एक्सपर्ट डॉ. मनु बोरा बताते हैं कि एसीएल घुटने में मौजूद चार प्रमुख लिगामेंट्स में से एक है. यह जांघ की हड्डी (फीमर) को पिंडली की हड्डी (टिबिया) से जोड़ता है और घुटने के जोड़ को स्थिर रखने में मदद करता है. जब यह लिगामेंट टूट जाता है, तो इसे एसीएल इंजरी कहते हैं. यह आमतौर पर अचानक रुकने, दिशा बदलने या कूदने जैसी गतिविधियों के दौरान होता है. एसीएल टूटने से घुटने में अस्थिरता, दर्द, सूजन और गति सीमा में कमी हो सकती है.
एसीएल इंजरी के कारण* स्पोर्ट्स में भाग लेना, खासकर बास्केटबॉल और फुटबॉल जैसे खेल* घुटने पर सीधा चोट लगना या कूदते समय गलत तरीके से लैंड करना* बार-बार होने वाले मूवमेंट या गलत ट्रेनिंग तकनीक* पहले से हुई घुटने की चोट, विशेष रूप से मेनिस्कस या अन्य लिगामेंट की चोट
एसीएल इंजरी के लक्षण* चोट लगने के समय पॉपिंग की आवाज आना* घुटने में तेजी से सूजन आना* दर्द, खासकर जब पैर पर वजन डालें* घुटने में अस्थिरता महसूस होना* घुटने को मोड़ने या सीधा करने में कठिनाई
इन लक्षणों के आधार पर एसीएल इंजरी का संदेह हो सकता है, लेकिन सही निदान के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. डॉक्टर फिजिकल टेस्ट और एक्स-रे या एमआरआई जैसे इमेजिंग टेस्ट करेंगे. समय पर निदान से उपचार की सही योजना बनाई जा सकती है और जल्दी ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है.
एसीएल इंजरी का उपचारएसीएल इंजरी के उपचार का निर्णय चोट की गंभीरता, उम्र, एक्टिविटी लेवल और पूरी सेहत पर निर्भर करता है. कुछ मामलों में, फिजिकल थेरेपी घुटने की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए पर्याप्त हो सकती है. लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है. एसीएल इंजरी से उबरने में समय लगता है और इसमें धैर्य की जरूरत होती है.