पीरियड्स सिर्फ प्रेग्नेंट न होने पर हो रही मासिक ब्लीडिंग नहीं है. बल्कि यह फीमेल बॉडी में चल रही गड़बड़ियों का सूचक भी है. हालांकि हर महिला में महावारी अलग-अलग होती है, इसलिए यह समझना आवश्यक है कि आपका पीरियड्स क्या संकेत दे रहा है और कब आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
हेल्दी पीरियड्स कैसे होता है? एक नॉर्मल पीरियड्स साइकिल 21 से 35 दिन के बीच होता है, और ब्लीडिंग आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहता है. ब्लीडिंग का फ्लो मध्यम होना चाहिए, जो शुरुआत में उजले लाल रंग का होता है और धीरे-धीरे गहरा हो जाता है. इसके साथ ही हल्के लक्षण में ऐंठन, सूजन और मूड स्विंग हो सकता है.
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पीरियड्स से पहचानें सेहत का हाल
पीरियड्स रेगुलर न होना
यदि आपकी माहवारी अनियमित है, तो यह हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है, जो पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या थायराइड विकारों जैसी स्थितियों के कारण हो सकता है. तनाव, वजन में बदलाव और अत्यधिक व्यायाम भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं, जिसका असर पीरियड्स पर नजर आ सकता है.
हैवी ब्लीडिंग
हैवी ब्लीडिंग को मेनोरेजिया कहा जाता है, जो गर्भाशय में फायब्रॉइड्स या पॉलिप्स के संकेत हो सकता है. कभी-कभी, यह एंडोमेट्रियोसिस या एडेनोमायोसिस जैसी स्थितियों का भी संकेत हो सकता है.
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पीरियड्स न आना
पीरियड न आना आमतौर पर गर्भावस्था से जुड़ा होता है, लेकिन यह PCOS, तनाव या थायरॉयड समस्याओं जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत हो सकता है.
पेनफुल पीरियड्स और एंडोमेट्रियोसिस
पीरियड्स में ऐंठन सामान्य होती है, लेकिन अत्यधिक दर्द एंडोमेट्रियोसिस का संकेत हो सकता है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की परत जैसी ऊतक गर्भाशय के बाहर विकसित हो जाते हैं, जिससे सूजन और दर्द होता है.
ब्लड क्लॉटिंग
छोटे खून के थक्के सामान्य होते हैं, लेकिन बड़े थक्के या जेली की तरह ब्लीडिंग होना हार्मोनल असंतुलन या गर्भाशय में फाइब्रॉइड्स का संकेत हो सकते हैं.
पीरियड्स के रंग में बदलाव
उजला लाल खून नॉर्मल पीरियड्स का संकेत है, लेकिन गहरा भूरा या हल्की गुलाबी ब्लीडिंग हार्मोनल असंतुलन, योनि संक्रमण या गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है.
प्रीमेंस्ट्रुअल लक्षण और मेंटल हेल्थ
पीरियड्स से पहले के लक्षण जैसे गंभीर मूड स्विंग्स, चिंता या अवसाद प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर से जुड़े हो सकते हैं, जो प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) का एक गंभीर रूप है.
बहुत जल्दी या देर से पीरियड्स आना
यदि पीरियड बहुत जल्दी (10 वर्ष से पहले) या बहुत देर से (16 वर्ष के बाद) आती है, तो यह हार्मोनल असंतुलन या देरी से आने वाली युवावस्था जैसी स्थितियों का संकेत हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.