उल्टी आना एक आम समस्या है जो शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से परेशान कर सकती है. उल्टी से पहले और बाद में भी व्यक्ति असहज महसूस कर सकता है. इसलिए कोई भी इस स्थिति का सामना नहीं करना चाहता. इसके बावजूद, उल्टी ज्यादातर लोगों को होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है.
प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी आना एक सामान्य लक्षण है, जिसे मॉर्निंग सिकनेस के नाम से भी जाना जाता है. मॉर्निंग सिकनेस आमतौर पर गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों के दौरान होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह पूरे गर्भकाल तक रह सकती है. हालांकि उल्टी के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. चलिए जानते हैं क्या?
फूड प्वाइजनिंगफूड प्वाइजनिंग एक ऐसी स्थिति है, जो दूषित भोजन या पानी खाने से होती है. दूषित भोजन या पानी में बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी होते हैं, जो उल्टी, दस्त और पेट दर्द का कारण बन सकते हैं.
पेट का फ्लूपेट का फ्लू एक वायरल संक्रमण है, जो पेट में सूजन और जलन पैदा कर सकता है. पेट के फ्लू के लक्षणों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द, और बुखार शामिल हैं.
दवाओं का साइड इफेक्टकुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में उल्टी हो सकती है. इन दवाओं में एंटीबायोटिक्स, कैंसर की दवाएं और कुछ हृदय की दवाएं शामिल हैं.
लो ब्लड शुगर लेवलखून में शुगर का गिरता लेवल उठने के साथ उल्टी का कारण बन सकता है. रात के खाने और अगले दिन के ब्रेकफास्ट के बीच लंबा अंतराल हो जाता है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर का लेवल कम हो जाता है. खासतौर पर डायबिटीज रोगियों का शुगर लेवल बढ़ता-घटता है.
उल्टी को कंट्रोल करने के उपाय- थोड़ी-थोड़ी देर में तरल पदार्थ पीएं, ताकि निर्जलीकरण से बचा जा सके.- हल्के और पचने में आसान भोजन खाएं.- च्युइंग गम चबाने से उल्टी को रोकने में मदद मिल सकती है.- अदरक या पुदीने की चाय पीने से भी उल्टी को रोकने में मदद मिल सकती है.
गंभीर मामलों में डॉक्टर से सलाह लें.यदि उल्टी गंभीर है या लगातार हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. डॉक्टर उल्टी के कारण का पता लगाने और उचित उपचार की सलाह देने में मदद कर सकते हैं.