वो मंदिर जहां से डर कर भागा था औरंगजेब, पुजारी के सामने मांगता रहा रहम की भीख, और फिर… – when Aurangzeb reach Chitrakoot to demolish balaji Temple entire royal retinue got ill unbelievably pride broken terribly historical fact folklore

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वो मंदिर जहां से डर कर भागा था औरंगजेब, पुजारी के सामने मांगता रहा रहम की भीख, और फिर... - when Aurangzeb reach Chitrakoot to demolish balaji Temple entire royal retinue got ill unbelievably pride broken terribly historical fact folklore

Last Updated:March 06, 2025, 21:44 ISTChitrakoot Balaji Temple Story : यह कहानी है एक ऐसे मंदिर की जिसे औरंगजेब अपनी भारी-भरकम सेना के साथ तोड़ने पहुंचा था. बिना मंदिर तोड़े ही औरंगजेब को वहां से भागना पड़ था. यह मंदिर चित्रकूट में मंदाकिनी नदी किनारे…और पढ़ेंकहानी चित्रकूट के बालाजी मंदिर की, जहां से भागना पड़ा था औरंगजेब को…हाइलाइट्सचित्रकूट के मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर में औरंगजेब की सेना बेहोश हो गई थी.बाला जी मंदिर में औरंगजेब ने मंदिर तोड़ने का वचन दिया.औरंगजेब ने बाला जी मंदिर को जमीन दान में दी और बनवाया.चित्रकूट. समाजवादी पार्टी के विधायक अब्बू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ कर उसे एक कुशल प्रशासक बताने पर देश की राजनीति गरमा गई है. सपा विधायक के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. हम आज एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे जिसे औरंगजेब के तोड़ते वक्त ही उसकी सेना बेहोश हो गई थी. फिर बिना मंदिर तोड़े ही औरंगजेब को वहां से भागना पड़ था. औरंगजेब ने भारत पर 1658 से 1707 तक राज किया है. कहा जाता है कि औरंगजेब के शासन में भारत में 1000 हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया. देश के कई हिन्दू मंदिर ऐसे थे, जिन्हें तोड़कर वहां पर मस्जिद बनवाई गई.

जब औरंगजेब भारत के मंदिरों को तोड़ते हुए काशी के बाद भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट पहुंचा था. उसकी सेना ने मां मंदाकिनी नदी किनारे रामघाट तट पर स्थित महाराजधिराज मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर में ब्रह्मा जी द्वारा स्थापित शिवलिंगों पर टाकी हथौड़ा लगाई. टाकी लगते ही औरंगजेब का सेनापति बेहोश हो गया. फिर सेना बेहोश हो गई. औरंगजेब मंदिर से भागता हुआ मतगजेंद्रनाथ मंदिर से कुछ दूर स्थित बाला जी मंदिर पहुंचा.

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मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर के पुजारी विपिन तिवारी ने बताया, ‘बाला जी मंदिर के संत बालक दास जी से अपनी और सेना के ठीक होने की प्रार्थना की. तब बाला जी मंदिर के संत ने औरंगजेब से कहा, ‘तुम एक ताम्रपत्र में लिखकर वचन दो कि दोबारा चित्रकूट में मंदिरों को नहीं तोड़ोगे. यहां से 10 किलोमीटर दूर तुरंत चलें जाओ, जिससे तुम्हारी और सेना की जान बच सकती है.’

औरंगजेब के बनवाये बाला जी मंदिर के महंत भुवनदास ने बताया, ‘महंत बालक दास की यह बात स्वीकार कर ली. महंत बालक दास ने उसे अपनी भभूत दिया जिसके लगाने से औरंगजेब और उसकी सेना ठीक हो गई थी. औरंगजेब ने महंत बालक दास को एक तामपत्र में हजारों बीघे ज़मीन मंदिर के नाम कर दिया और उसे बनवा भी दिया. फिर वहां से भाग गया.’

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इस घटना के प्रमाण आज भी मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग में लगी टॉकी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है. बाला जी मंदिर में रखे ताम्रपत्र जो औरंजेब ने जो मंदिर के नाम वसीयत करने का प्रमाण पत्र रखा हुआ है. बाला जी मंदिर देश का एक एकलौता मंदिर है जो औरंगजेब ने उस मंदिर को न तोड़कर बल्कि उसे बनवाया था. ऐसा दावा मंदिर के महंत भुवनदास महराज का है. टना 1691 की बताई जाती है.
Location :Chitrakoot,Uttar PradeshFirst Published :March 06, 2025, 21:33 ISThomeuttar-pradeshवो मंदिर जहां से डर कर भागा था औरंगजेब, पुजारी के सामने मांगता रहा रहम की भीख

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