सृजित अवस्थी/पीलीभीत: पीलीभीत शहर से तकरीबन 25 किमी दूर स्थित गांव बांसखेड़ा में बीते 5 दिनों से बाघिन ने आबादी से 100 मीटर की दूरी पर डेरा जमा रखा था. बीते दिनों हुई तमाम घटनाओं व स्थानीय लोगों के दबाव को देखते हुए वन विभाग ने 2 दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए लेकिन वे असफल रहे. 5वें दिन रेस्क्यू करने पहुंची टीम को चकमा देकर बाघिन भाग गई. जिसके बाद से स्थानीय लोगों में खासा रोष देखा जा रहा है.
पीलीभीत जिले में बीते कुछ दिनों में बाघ की चहलकदमी व हमले की घटनाएं कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. अगर कलीनगर इलाके की बात करें तो सूचनाओं के मुताबिक वर्तमान समय में 4 अलग अलग बाघ आबादी में देखे जा रहे हैं. इन सब सूचनाओं के बीच ही 30 सितम्बर को शाम तकरीबन 5 बजे मथना जब्ती इलाके में बाघ की चहलकदमी देखी गई जिसपर ग्रामीणों ने आक्रोशित हो कर सड़क जाम कर दिया.
फेल हो गया रेस्क्यू ऑपरेशनटाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने मौके पर जा कर ग्रामीणों को बाघ को पकड़ने का आश्वासन दिया. जिसके कुछ देर बाद तकरीबन 5 किमी दूर स्थित बांसखेड़ा गांव में आबादी से महज 100 मीटर दूर स्थित एक बाग में ग्रामीणों को बाघिन की चहलकदमी दिखाई दी. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम निगरानी में जुटी. 1 अक्टूबर को जाल लगा कर घेराबंदी की गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल की अगुवाई में 6 घंटे चला ऑपरेशन फेल रहा और टीम को बैरंग ही लौटना पड़ा.
वन मंत्री का आश्वासन भी साबित हुआ झूठा2 अक्टूबर को पूरे दिन महज कुछ कर्मचारी बाघिन की निगरानी में रहे. 3 अक्टूबर की सुबह ग्रामीणों ने वन विभाग की लापरवाही से आक्रोशित हो कर ग्रामीणों ने एक बार फिर सड़क जाम कर दी. खास बात रही कि इस दिन जिले में प्रदेश सरकार में वन मंत्री स्वतंत्र प्रभार अरुण सक्सेना भी मौजूद थे. वन मंत्री ने ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया किसी भी हाल में बाघिन को पकड़ लिया जाएगा. वन मंत्री के आश्वासन के बाद एक बार फिर से वन एवं वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ संजीव कुमार की अगुआई में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. लेकिन यह ऑपरेशन भी नाकामयाब साबित हुआ.जानकारी के मुताबिक़ बाघिन को इसलिए दोनों ही ऑपरेशन के दौरान इसलिए रेस्क्यू नहीं किया जा सका क्योंकि दवा का डोज देने के बाद भी बाघिन पूरी तरह ट्रेंकुलाइज नहीं हुई थी. हालांकि रेस्क्यू के फेल होने के कारण पूछने पर डीएफओ संजीव कुमार मीडिया से किनारा कर मौके से चले गए. वहीं मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने डॉक्टर व अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया.
रेस्क्यू टीम की नाक के नीचे से भागी बाघिनदो ऑपरेशन फेल होने के बाद ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए अधिकारियों ने 4 अक्टूबर को सुबह 6 बजे ही अभियान शुरू करने की बात कही थी. सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने पहुंची टीम के सामने ही तकरीबन 7 बजे घेराबंदी तोड़ कर भाग गई. हाल फिलहाल विभाग बाघिन की लोकेशन ट्रेस करने में जुटी है.
.Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 4, 2023, 17:54 IST
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