अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. भगवान शंकर की नगरी काशी में सृष्टि के वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा (Vishwakarma Puja) की जयंती को लेकर तैयारियों जोरोे पर हैं. फैक्ट्री, कारखानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भगवान विश्वकर्मा कै पूजन की तैयारी है. यहां का नबाजार भी विश्वकर्मा पूजा के लिए पूरी तरह से सज गया है. भगवान विश्वकर्मा की अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. यहां इको फ्रेंडली मूर्तियों की खासी डिमांड देखने को मिल रही है. कारीगरों ने इन इको फेंडली मूर्तियों को गंगा नदी की शुद्ध मिट्टी से गढ़ा है. इसकी डिमांड सिर्फ वाराणसी में ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आ रही है.
मूर्तिकार बद्री प्रसाद प्रजापति ने बताया कि हमलोग इस बार भगवान विश्वकर्मा की इको फ्रेंडली मूर्तियां तैयार कर रहे हैं. इन मूर्तियों की खास बात है कि इन्हें गंगा की शुद्ध माटी के अलावा नेचुरल रंगों से सजाया जाता है.
गंगा की शुद्ध माटी और नेचुरल कलर से होती है तैयारयह मूर्तियां नेचुरल रंग और मिट्टी से बनी हैं जिससे यह पूजा के बाद विसर्जन के वक्त नदी या तालाब के जल को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती हैं. मूर्तिकार अमित ने बताया कि इन मूर्तियों की कीमत 500 रुपये से शुरू होती है. जैसा आकार होगा मूर्तियों का वैसा दाम होता है.
बाजार में ज्यादा है डिमांडमूर्तिकारों के अनुसार इस बार बाजारों में रौनक है क्योंकि कोरोना वायरस के कारण दो साल बाद विश्वकर्मा पूजा इस बार बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी. इसको देखते हुए इन मूर्तियों की डिमांड बढ़ गई है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Banaras news, Eco Friendly, Up news in hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : September 16, 2022, 16:37 IST
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