India vs Australia Test Series: इन दिनों भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए रोडमैप तैयार करने में जुटी हुई है. कप्तान रोहित शर्मा और नए कोच राहुल द्रविड़ की असली परीक्षा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर होनी है. भले ही पिछले 10 साल से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया के पास नहीं है. लेकिन इस टीम को घर में मात देना पहाड़ चढ़ने जैसा है. विराट की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ा है. उनकी जीत का फॉर्मूला और कैसे उन्होंने टीम के प्लेयर्स की मानसिकता बदल दी थी इसका खुलासा भारत के स्पिनर कर्ण शर्मा ने किया है.
रवि शास्त्री और कोहली ने तोड़ा था घमंड
विराट कोहली की आक्रामकता से हर कोई वाकिफ है. इसने खिलाड़ियों को ऊर्जावान बनाने में अहम योगदान दिया है. विराट कोहली की कप्तानी और रवि शास्त्री की कोचिंग में टेस्ट में भारतीय टीम के नए युग की शुरुआत हो गई. जिसमें भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण फल-फूल रहा था और टीम इंडिया टॉप टीमों से एक बन गई. इतना ही नहीं, भारत ने ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक सीरीज जीत हासिल की और इंग्लैंड में सीरीज ड्रॉ कराई. कोहली की आक्रामक कप्तानी ने उनके नेतृत्व में खेलने वाले कई खिलाड़ियों को प्रभावित किया. लेग स्पिनर कर्ण शर्मा, जिन्होंने कोहली के नेतृत्व में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया. उन्होंने कोहली की जीत का फॉर्मूला बता दिया.
क्या बोले कर्ण शर्मा?
2014-15 में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी. इसी दौरे पर कर्ण शर्मा ने भारतीय टीम के लिए अपना एकमात्र टेस्ट खेला था. कर्ण ने उस दौरान कोहली की कप्तानी में अपने अनुभव को शेयर करते हुए ‘सेकंड इनिंग्स विद मनजोत कालरा यूट्यूब चैनल’ पर बताया, ‘हम उस मैच में 300 से ज़्यादा रनों का पीछा कर रहे थे और विराट ने कहा ‘कोई ड्रॉ नहीं. हम इसे हासिल करने जा रहे हैं. इससे ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों में काफ़ी सकारात्मकता आई.’
भारत को मिली थी हार
उस टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 363 रनों का विशाल लक्ष्य दिया गया था. कोहली ने 175 गेंदों पर 141 रनों की शानदार पारी टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचा दिया था. कर्ण ने आगे कहा, ‘यह एक अलग दृष्टिकोण था, अलग-अलग कप्तानों के अलग-अलग दृष्टिकोण होते हैं. लेकिन उनके शब्दों ने ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों को एक शानदार संकेत दिया कि आपके कप्तान की योजनाएँ अलग हैं. उन्होंने हमेशा यह आभास दिया कि सब कुछ ठीक है. अपनी तैयारियों, फिटनेस, मानसिक दृष्टिकोण के माध्यम से, कोहली कभी भी इस बात से बहुत परेशान या परेशान नहीं दिखे कि उनकी टेस्ट सीरीज़ खराब रही.’