Virat Kohli: एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ 28 अगस्त को होने वाला मैच पूर्व कप्तान विराट कोहली का 100वां टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच होगा. पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से हारने के बाद भारत का चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ यह पहला मैच है. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने विराट कोहली का बचाव करते हुए बड़ा बयान दिया है.
विराट कोहली के सपोर्ट में उतरा ये पाकिस्तानी दिग्गज
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने कहा,‘पिछले एक साल से सोशल मीडिया पर जिस तरह से कोहली की आलोचना हो रही है, वह बिल्कुल गैर जरूरी है. वह सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से हैं. फॉर्म अस्थाई होता है और ‘क्लास’ हमेशा रहती है.’ वसीम अकरम ने मजाकिया लहजे में कहा,‘उम्मीद है कि वह जल्दी वापसी करेगा, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ नहीं करे.’
अपने इस बयान से जीता भारतीय फैंस का दिल
पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम की कोहली से तुलना को जल्दबाजी करार देते हुए अकरम ने कहा,‘यह तुलना स्वाभाविक है और हर दौर में हुई है. इंजमाम उल हक की तुलना सचिन तेंदुलकर से, गुंडप्पा विश्वनाथ की जहीर अब्बास से और जावेद मियांदाद की सुनील गावस्कर से तुलना हुई है.’ वसीम अकरम ने कहा,‘बाबर के पास अच्छी तकनीक है और वह तेजी से सीख रहा है. वह उस रास्ते पर है कि कोहली की तरह महान बन सकता है लेकिन उसकी तुलना अभी जल्दबाजी है.’
रवि शास्त्री ने भी विराट कोहली का किया बचाव
भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भी विराट कोहली का बचाव करते हुए कहा कि फिटनेस, जीत की भूख और जुनून के मामले में अभी भी उसका कोई सानी नहीं है और वह इस जरूरी ब्रेक के बाद शानदार वापसी करेगा. शास्त्री ने कहा,‘मैने हाल ही में कोहली से बात नहीं की है, लेकिन बड़े खिलाड़ी हमेशा समय पर चेत जाते हैं. एशिया कप से पहले लिया ब्रेक उसके लिये फायदेमंद होगा जिसमें उसने आत्ममंथन किया होगा. लोगों की याददाश्त बहुत छोटी होती है और पाकिस्तान के खिलाफ वह अर्धशतक भी बना लेगा तो लोग सब कुछ भूल जाएंगे.’
भूख और जुनून जस की तस
शास्त्री ने कहा, ‘मैने हाल ही में एक आंकड़ा देखा कि पिछले तीन साल में कोहली ने अपने समकालीन केन विलियमसन, डेविड वॉर्नर या जो रूट की तुलना में तीन गुना मैच खेले हैं. वह तीनों प्रारूपों में लगातार खेल रहा था जिसका असर पड़ा होगा.’ उन्होंने कहा ,‘इसके बावजूद उसके जैसा फिट कोई और भारतीय क्रिकेटर नहीं है. वह एक मशीन है और उसके भीतर जीत की भूख और जुनून जस की तस है. हर बड़ा खिलाड़ी खराब दौर से गुजरता है और उससे सीखता है. उसे बस एक बड़ी पारी की जरूरत है.’
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