Vinesh Phogat : भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट का ओलंपिक मेडल जीतने का सपना टूट गया. वह बुधवार (7 अगस्त) को फाइनल से पहले डिस्क्वालिफाई हो गईं. विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया. इस कारण वह गोल्ड मेडल मैच में नहीं खेल पाईं. इतना ही नहीं, उन्हें कोई मेडल भी नहीं मिला. भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित कर दिया गया. इसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और वह हॉस्पिटल में भर्ती हो गई थीं. अब भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने उनसे मुलाकात की है. डिस्क्वालिफाई होने के बाद विनेश की पहली तस्वीर सामने आई है, जिसमें उनके चेहरे पर मेडल न मिलने की कसक साफ दिख रही है.
कटे बाल, सूजी आंखें और…
हॉस्पिटल से विनेश फोगाट की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें भले भी उनके चेहरे पर हंसी दिख रही है, लेकिन जाहिर है मेडल न मिलने का दुख उनसे ज्यादा किसी और को नहीं होगा. फोटो में दिख रहा है कि विनेश के बाल कटे हुए हैं. उनकी आंखें सूजी हुई हैं और हाथ में ड्रिप लगी हुई है. उनसे मिलने भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा पहुंची, जो उन्हें हिम्मत बंधाती नजर आ रही हैं.
— ANI (@ANI) August 7, 2024
डिफेंडिंग चैंपियन को धूल चटाई
बताते चलें कि विनेश ने बीते दिन (6 अगस्त) को तीन मैच जीतते हुए फाइनल में जगह बनाई और भारत के लिए पेरिस ओलंपिक का पहला गोल्ड लगभग पक्का कर दिया था. अपने पहले मैच में विनेश ने डिफेंडिंग चैंपियन और वर्ल्ड नंबर-1 रेसलर युई सुसाकी को धूल चटाकर दुनिया को चौंका दिया. मैच के कुछ अंतिम सेकंड्स में विनेश ने अपना दांव चला और मुकाबला जीत लिया. इसके बाद उन्होंने क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में भी बड़ी ही आसानी से जीत दर्ज की. विनेश रेसलिंग में ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी भी बनीं.
पीटी ऊषा ने दिया बयान
पीटी ऊषा ने एक बयान में कहा, ‘मैंने कुछ समय पहले ओलंपिक खेल गांव के पोली क्लीनिक में विनेश से मुलाकात की और उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ, भारत सरकार और पूरे देश के समर्थन का आश्वासन दिया. हम विनेश को सभी तरह का मेडिकल और इमोशनल सपोर्ट दे रहे हैं. भारतीय कुश्ती महासंघ ने विनेश को अयोग्य ठहराने के फैसले पर विचार के लिए UWW (यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग) के पास अपील दायर की है. IOA इसे मजबूत तरीके से आगे बढ़ा रहा है.’ आईओए पूरी तरह से यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि ओलंपिक टीम का मनोबल ऊंचा रहे और सभी भारतीय विनेश और ओलंपिक दल के साथ खड़े रहें.’