विदेशी दौरे पर पत्नियों के जाने पर रोक लगना सही फैसला! BCCI के फरमान पर दिग्गज ने दिया रिएक्शन

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विदेशी दौरे पर पत्नियों के जाने पर रोक लगना सही फैसला! BCCI के फरमान पर दिग्गज ने दिया रिएक्शन



भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए नई पॉलिसी लागू की है. इस पॉलिसी में कई कड़े नियम हैं. इसमें विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के साथ पत्नियों और गर्लफ्रेंड के जाने पर रोक भी शामिल है. नियमों का उल्लंघन करने पर टीम इंडिया के खिलाड़ियों को सजा भी मिलेगी. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के इस फैसले का कुछ दिग्गजों ने सपोर्ट किया है.
नई पॉलिसी की जबरदस्त चर्चा
अनुभवी क्रिकेट कोच हरीश शर्मा, जिन्होंने युवराज सिंह, दिनेश मोंगिया, वीआरवी सिंह और सिद्धार्थ कौल जैसे खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी है, उन्होंने BCCI की सख्त पॉलिसी का समर्थन किया है, ताकि न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार दो टेस्ट सीरीज हारने के बाद टीम के सदस्यों के बीच अनुशासन लागू किया जा सके.
BCCI का फरमान
विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के साथ पत्नियों और गर्लफ्रेंड के जाने पर रोक के अलावा, BCCI की नई नीति खिलाड़ियों को चल रही सीरीज या दौरों के दौरान व्यक्तिगत शूट या विज्ञापन में शामिल होने से भी रोकती है. खिलाड़ियों के लिए बीसीसीआई के आधिकारिक शूट और समारोहों में भाग लेना अनिवार्य होगा.
पत्नियों के जाने पर रोक लगना सही फैसला!
हरीश शर्मा ने कहा, ‘ये (बैन) पहले ही लागू होने चाहिए थे. जब कोई खिलाड़ी किसी काम पर होता है, तो उसे उस काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ी परिवार या फोटो शूट या पार्टियों में व्यस्त हो सकते हैं, क्योंकि जब हम दौरे पर जाते हैं, तो हमारा उद्देश्य विदेशी पिचों पर जीतना होता है और ये चीजें उनका ध्यान भटकाती हैं.’
‘नहीं लगता कि परिवार की आवश्यकता है’
हरीश शर्मा ने कहा, ‘अगर आप अन्य चीजों पर ध्यान लगाते हैं, तो यह आपके प्रदर्शन को प्रभावित करेगा. शर्मा ने आगे कहा कि परिवार को केवल तभी खिलाड़ी के साथ यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए, जब वे बहुत लंबे दौरे पर हों, क्योंकि ऐसा न करने से उनका ध्यान भंग होगा. उन्होंने कहा, ‘जब दौरा बहुत लंबा होता है, तो खिलाड़ियों को घर की याद आती है और उस स्थिति में, आप (पत्नियों और परिवारों को) अनुमति दे सकते हैं, लेकिन जब आप एक या दो महीने के लिए बाहर जाते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि परिवार की आवश्यकता है, क्योंकि उनका ध्यान खेल के बजाय उन पर चला जाएगा.’
घरेलू क्रिकेट खेलने का महत्व
बीसीसीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, खिलाड़ियों के साथी और बच्चों (18 वर्ष से कम) को प्रति सीरीज दो सप्ताह तक की एक यात्रा की अनुमति दी जाएगी, यदि खिलाड़ी 45 दिनों से अधिक समय तक भारत से अनुपस्थित रहते हैं. अनुभवी कोच ने अंतरराष्ट्रीय सितारों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने के महत्व पर भी प्रकाश डाला.
घरेलू क्रिकेट में मिलता है अभ्यास
बीसीसीआई ने एक दस्तावेज में भी यही बात कही, जिसमें लिखा था, यह नीति सुनिश्चित करती है कि खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़े रहें, प्रतिभा विकास को बढ़ावा दें, मैच फिटनेस बनाए रखें और समग्र घरेलू ढांचे को मजबूत करें. शर्मा ने कहा, ‘घरेलू क्रिकेट बहुत महत्वपूर्ण है. आप देख सकते हैं कि करुण नायर विजय हजारे ट्रॉफी में खेल रहे हैं और उन्होंने 752 रन बनाए हैं (5 शतकों के साथ 7 पारियों में). जब आप घरेलू क्रिकेट खेलते हैं, तो आपको बहुत आत्मविश्वास और मैच अभ्यास मिलता है.’
अनुशासन का अहम रोल
शर्मा ने कहा, ‘पहली बात अनुशासन है, इसके बिना खिलाड़ी अपना 100 प्रतिशत प्रदर्शन नहीं दे सकते. मुझे नहीं पता था कि गौतम गंभीर टीम के साथ दौरे पर अपने मैनेजर के साथ यात्रा कर रहे थे. अगर वह अपने मैनेजर के साथ यात्रा कर रहे थे तो आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई कहां थी? अगर हम घरेलू क्रिकेट में उस नियम का पालन कर रहे हैं तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उसका पालन करने में क्या समस्या है.’



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