Delhi Airport: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के इमीग्रेशन ब्यूरो में तैनात अजय कासवान के सामने एक शख्स कुछ फ्रेंच डॉक्यूमेंट्स के साथ खड़ा था. इस शख्स को एयर इंडिया की फ्लाइट Al-143 से फ्रांस के पेरिस शहर के लिए रवाना होना था. इमीग्रेशन क्लीयरेंस के लिए इस शख्स ने सुमित दास के नाम से जारी एक पासपोर्ट और कुछ फ्रेंच डॉक्यूमेंट्स अजय कासवान को सौंप दिए. दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ने के बाद इमीग्रेशन अधिकारी अजय कासवान के चेहरे के भाव बदलने लगे.
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, फ्रेंच डॉक्यूमेंट और पासपोर्ट में दर्ज जानकारी एक दूसरे से विरोधाभाषी थीं. फ्रेंच डॉक्यूमेंट्स में सुमित दास एक बांग्लादेशी नागरिक था, जबकि सामने खड़े शख्स ने अपना भारतीय पासपोर्ट के साथ इमीग्रेशन जांच के लिए पहुंचा था. ऐसी स्थिति में, यदि फ्रेंच डॉक्यूमेंट को सही माना जाए तो पासपोर्ट गलत था और पासपोर्ट को सही माना जाए तो फ्रेंच डॉक्यूमेंट गलत थे. वहीं, जांच में पासपोर्ट और फ्रेंच डॉक्यूमेंट दोनों ही ओरिजिनल पाए गए थे.
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अपने ही बुने जाल में उलझा आरोपीडीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, यहां इमीग्रेशन अधिकारी को यह तो समझ में आ गया था कि कुछ तो गड़बड़ है, पर गड़बड़ क्या है, यह जानने के लिए सुमित दास से पूछताछ जरूरी थी. लिहाजा सुमित दास से पूछताछ शुरू हुई, जिसमें उसने खुलासा किया कि वह 17 नवंबर 2018 को बैंगलुरू एयरपोर्ट से एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-177 से लंदन के लिए रवाना हुआ था. लंदन में कुछ दिन रुकने के बाद वह फ्रांस चला गया, जहां उसने खुद को बांग्लादेशी नागरिक बताकर रेफ्यूजी स्टेटस ले लिया.
फ्रांस में रेफ्यूजी स्टेटस मिलने के बाद सुमित दास करीब चार साल तक पेरिस में रहा. इस बीच, उसे अपने घर की याद सताने लगी, लिहाजा वह भारत आ गया. कुछ समय भारत में रहने के बाद उसने दोबारा पेरिस जाने की तैयारी शुरू कर दी. उस समय, आरोपी सुमित के दिगाम में था कि जब उसके पास फ्रेंच रेफ्यूजी डॉक्यूमेंट हैं, तो ऐसे में उसे फ्रेंच वीजा की जरूरत नहीं होगी. इसी वजह से उसने एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन अधिकारी को जांच के लिए अपना भारतीय पासपोर्ट और फ्रेंच रेफ्यूजी डॉक्यूमेंट सौंपे थे.
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गिरफ्तारी के बाद किया मास्टरमाइंड के नाम का खुलासाडीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि पूछताछ में हुए खुलासे के आधार पर सुमित दास के खिलाफ आईपीसी की धारा 419/420/468/471/120B के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया. सुमित दास से एक बार फिर पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ. पूछताछ में सुमित ने खुलासा कि इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड मोहित गुप्ता नामक शख्स है. मोहित ने ही उसे लंदन भेजा था और लंदन में अपने साथी के जरिए उसने फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए थे.
सुमित के खुलासे के आधार पर मोहित गुप्ता की तलाश शुरू की गई. उसकी गिरफ्तारी के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन के एसएचओ विजेंद्र राणा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें इंस्पेक्टर लोकेश कुमार के साथ सब इंस्पेक्टर मुकेश और कॉन्स्टेबल दिनेश शामिल थे. लंबी कवायद के बाद पुलिस ने पश्चिम बंगाल के 24 नार्थ परगना से आरोपी मुकेश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी मुकेश से फिलहाल पूछताछ का सिलसिला जारी है.
.Tags: Airport Diaries, Airport Security, Delhi airport, Delhi police, IGI airportFIRST PUBLISHED : February 13, 2024, 04:59 IST
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