सहारनपुर /अंकुर सैनी: सहारनपुर की रहने वाली रश्मि टेरेंस समाज सेवा में अपनी एक अलग पहचान रखती हैं. इन्होंने ऐशो आराम की जिंदगी छोड़कर जरूरतमंद लोगों और गरीब बच्चों की मदद करना चुना. समाज सेविका रश्मि टेरेंस ने लोकल 18 पर अपने जीवन की हैरान कर देने वाली बातों को शेयर किया है.
रश्मि टेरेंस बताती हैं कि शादी से पहले वह रश्मि सिंह हुआ करती थी. बचपन से ही रश्मि टेरेंस की परवरिश हाई प्रोफाइल परिवार में हुई. अच्छे स्कूल और कॉलेज में रश्मि टेरेंस ने पढ़ाई की, जिसका परिणाम यह था कि रश्मि टेरेंस का सिलेक्शन फ्रैंकफिन एयरलाइन एविएशन हॉस्पिटैलिटी में हुआ. पिता के मना करने पर रश्मि ने कदम तो पीछे हटाए, लेकिन उन कदमों को समाज सेवा में बढ़ाने की ठानी. रश्मि टेरेंस के घर एक बेटी ने जन्म लिया. एक दिन रश्मि टेरेंस अपनी बेटी को घर में पढ़ा ही रही थी कि गेट के बाहर कुछ बच्चे भी उस पढ़ाई को गुनगुना रहे थे. रश्मि ने गेट खोल कर देखा तो आसपास के कुछ बच्चे गेट के बाहर बैठे थे. रश्मि टेरेंस ने बच्चों को घर के अंदर बुलाकर पढ़ाना शुरू किया. धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ती चली गई. रश्मि ने अपने घर की छत पर ही एक छोटा सा स्कूल मैरीडेल एकेडमी के नाम से खोल दिया, जिसमें बच्चों को फ्री में पढ़ाई किताबें, स्कूल ड्रेस दी गई. आज उस स्कूल में सैकड़ों की संख्या में बच्चे पढ़ते हैं. रश्मि टेरेंस के स्कूल में गरीब बच्चों के लिए सब कुछ फ्री है.
रश्मि टेरेंस ने गरीबों की मदद के लिए छोड़ा ऐशो आरामरश्मि टेरेंस बताती हैं कि वह भी ऐशो आराम की जिंदगी चुन सकती थीं. लेकिन, उन्होंने विदेश न जाकर अपने देश को चुना, यहां के लोगों को चुना. यहां के गरीब बच्चों को शिक्षित बनाने की ठानी. इसके बाद रश्मि टेरेंस ने अपने बेटे एरोन के नाम से एक संस्था का भी निर्माण किया. अब संस्था के माध्यम से भूखे लोगों को सस्ता खाना, गरीब बच्चों के लिए पाठशालाएं व अन्य विभिन्न गरीब लोगों की मदद करने का काम किया जा रहा है. रश्मि का कहना है कि ऐसे लोगों की मदद करना काफी अच्छा लगता है. रश्मि टेरेंस की बेटी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है.
रश्मि टेरेंस की राजनीति में एंट्रीरश्मि टेरेंस लगभग पिछले 20 सालों से समाज सेविका के रूप में काम करती चली आ रही हैं. लेकिन 2023 में हुए निकाय चुनाव में सहारनपुर जनपद की महापौर सीट महिला होने से रश्मि टेरेंस ने भारतीय जनता पार्टी से अपनी दावेदारी पेश की थी. लेकिन कुछ समय बाद इस सीट को महिला से हटा दिया गया. भारतीय जनता पार्टी ने फिर यहां पर डॉक्टर अजय सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया. उसमें रश्मि टेरेंस ने डॉक्टर अजय सिंह के लिए दिन-रात मेहनत कर चुनाव प्रचार किया और उनको जीत दिलाई.ट्टी के बर्तनों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
Tags: Hindi news, Latest news hindi, Local18, Saharanpur newsFIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 12:28 IST