अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. अधिमास का पवित्र महीना जारी है. 4 अगस्त को अधिमास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है. इस चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) को विभुवन चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन भगवान शंकर के पुत्र भगवान गणेश के पूजन और व्रत का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा से घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है. इसके अलावा संतान प्राप्ति और उसके मंगल कामना से भी माताएं इस व्रत को रखती है.
काशी के ज्योतिषाचार्य पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस दिन ब्रह्न मुहूर्त में स्नान के बाद भगवान गणेश का ध्यान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इस दौरान भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना भी की जानी चाहिए. पूजा के दौरान भगवान गणेश को दूर्वा घास जरूर चढ़ाना चाहिए.
इन चीजों के बिना अधूरी है पूजाइसके अलावा भगवान गणेश को विभिन्न प्रकार के मोदक और लड्डुओं का भोग भी लगाना चाहिए. इसके साथ उन्हें पीला वस्त्र और जनेऊ भी अर्पण करना चाहिए. इन सब के अलावा उन्हें 2 खड़ी सुपारी भी चढ़ानी चाहिए. बिना इन चीजों के भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है.
बन रहा ये विशेष संयोगबताते चलें कि इस बार अधिमास के कारण ही 59 दिनों का सावन है.नऐसे में 4 अगस्त के दिन सावन, अधिमास और उसमें चतुर्थी तिथि का संयोग भगवान गणेश के साथ भोलेनाथ और भगवान विष्णु की कृपा पाने का विशेष दिन है. इस दिन भगवान गणेश के व्रत से हर हरि और नारायण सभी की कृपा श्रद्धालुओं पर बरसती है.
(नोट-यह खबर धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र पर आधारित है.News 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
.Tags: Latest hindi news, Local18, Religion 18, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : August 03, 2023, 13:42 IST
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