मुकेश पाण्डेय/मिर्जापुर: ओटीटी पर भौकाल काटने वाली मिर्जापुर वेब सीरीज (Mirzapur Web Series) में गद्दी को लेकर जंग जारी है. दो सीजन के बाद तीसरे सीजन में भी पूरी लड़ाई मिर्जापुर के कंट्रोल को लेकर ही रहेगा. फिल्मी दुनिया ही नहीं बल्कि रियल में भी मिर्जापुर जिले में डकैत से लेकर बाहुबली और माफियाओं ने राज किया है. उनका कंट्रोल मिर्जापुर जिले पर रहा है. 90 के दशक के बाद से गद्दी को लेकर कई बार जंग लड़ी गई, जिसमें डकैत फूलन देवी, डकैत ददुआ के भाई बाल कुमार पटेल, बाहुबली विजय मिश्रा और विनीत सिंह ने राज किया. सभी ने जिले को कंट्रोल में लेकर सियासत की.
मिर्जापुर जिले में बाहुबल की एंट्री 90 के दशक में हुई. 1996 में मुलायम सिंह यादव ने डकैत फूलन देवी को टिकट देकर लोकसभा चुनाव में उतार दिया. चुनाव में फूलन देवी को जीत मिली. एक नहीं बल्कि दो बार फूलन देवी ने चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देकर राज किया. हालांकि, सांसद रहते आवास पर उनकी हत्या कर दी गई थी. फूलन देवी के बाद 2009 में डकैत ददुआ के भाई बाल कुमार पटेल की गद्दी की जंग में कूद गए. बाल कुमार पटेल ने भी सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर सदन पहुंचे.
चर्चा में थी विजय व विनीत की लड़ाईवरिष्ठ पत्रकार संजय दुबे ने कहा कि मिर्जापुर में गद्दी की सबसे चर्चित लड़ाई बाहुबली विजय मिश्रा और विनीत सिंह की रही है. 90 के दशक में शुरू हुई जंग 2016 में पहली बार जबरदस्त तरीके से देखने के मिली. एमएलसी के चुनाव में सपा ने बाहुबली विजय मिश्रा की पत्नी रामलली को चुनावी मैदान में उतारा. वहीं, विनीत सिंह के भाई त्रिभुवन नारायण सिंह मैदान में थे. इस चुनाव में बाहुबल के साथ हथियारों के इस्तेमाल के आरोप लगे. चुनाव में रामलली मिश्र को जीत मिली थी.
मैदान में उतरे विनीत सिंहवरिष्ठ पत्रकार संजय दुबे ने बताया कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद विजय मिश्रा का सूरज ढलने लगा. जिसके बाद गद्दी पर विनीत सिंह काबिज हो गए. 2021 में विनीत सिंह ने एमएलसी के चुनाव में जीत दर्ज की. विनीत सिंह का कंट्रोल मिर्जापुर के साथ सोनभद्र पर भी हो गया जो आज भी बरकरार है. विजय के ढलते सूरज के साथ विनीत सिंह का सूरज चमकने लगा.
फ़िल्म से अलग है सीनवरिष्ठ पत्रकार संजय दूबे ने बताया कि मिर्जापुर वेब सीरीज में जितना सीन दिखाया गया है हकीकत में ऐसा नहीं है. जिले में काफी शांति रहती है. यहां पर डकैत से लेकर बाहुबली चुनाव जीतकर गए, जहां उनका कंट्रोल रहा लेकिन क्राइम रेट न के बराबर है. आज भी मिर्जापुर बिल्कुल शांत शहर है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : June 30, 2024, 13:06 IST