varun aaron international career ended in 18 matches debut under ms dhoni captaincy know for lethal pace | धोनी ने चमकाई किस्मत… तूफानी रफ्तार से बरपाया कहर, लेकिन 18 मैचों में सिमटा करियर, भारत का अनलकी पेसर

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varun aaron international career ended in 18 matches debut under ms dhoni captaincy know for lethal pace | धोनी ने चमकाई किस्मत... तूफानी रफ्तार से बरपाया कहर, लेकिन 18 मैचों में सिमटा करियर, भारत का अनलकी पेसर



Indian Cricket: भारतीय क्रिकेट टीम में कई ऐसे स्टार प्लेयर आए हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा और हुनर के चलते इंटरनेशनल डेब्यू तो किया, लेकिन उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं चला. इसके एक नहीं, अनेकों उदाहरण हैं. आज हम एक ऐसे ही पेसर के बारे में बता रहे हैं, जिसने अपनी खूंखार बॉलिंग के चलते भारत की नेशनल टीम में जगह बनाई. हालांकि, इंटेनरनशनल करियर कुछ ही मैचों तक सीमित रह गया. भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की लीडरशिप में इस पेसर का इंटरनेशनल डेब्यू हुआ था.
धोनी की कप्तानी में हुआ डेब्यू
हम यहां जिस तेज गेंदबाज की बात कर रहे हैं वो वरुण आरोन हैं. 35 साल के इस पूर्व क्रिकेटर ने तेज रफ्तार गेंदबाजी से दुनिया में अपना नाम बनाया, लेकिन इंटेनरनशनल क्रिकेट में ज्यादा लंबे समय तक टिक नहीं पाए. 2008 में रांची में जम्मू और कश्मीर के खिलाफ फर्स्ट क्लास में डेब्यू करने के बाद वरुण को 2011 में भारत के लिए वनडे डेब्यू करने का मौका मिला. इंग्लैंड के खिलाफ धोनी की कप्तानी में उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला.
तूफानी रफ्तार से बनाया नाम
वरुण आरोन ने अपनी घातक तूफानी रफ्तार से सुर्खियां बटोरीं, जिसके चलते ही उनका भारत के लिए डेब्यू करने का सपना भी पूरा हुआ. वनडे से इंटरनेशनल करियर की शुरुआत करने के महीनेभर बाद ही उन्हें टेस्ट टीम से भी बुलावा आ गया, जब उन्होंने वानखेड़े स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के लिए रेड बॉल फॉर्मेट मैच खेला. हालांकि, वह भारत के लिए मिले मौकों का भरपूर फायदा नहीं उठा पाए, जिसके चलते ही उनका करियर चंद मुकाबलों तक ही सीमित रह गया.



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