रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल,वाराणसीयूपी के वाराणसी (Varanasi) स्थित काशी विश्वनाथ का मुख्य मंदिर अब पूरी तरिके से स्वर्णमयी हो गया है.गर्भगृह से लेकर शिखर तक बाबा के दरबार में 60 किलो सोना लगाया गया है.खास बात ये है कि ये सोना सरकार या मन्दिर प्रशासन ने नहीं बल्कि एक भक्त ने गुप्त दान में मंदिर को दिया है.साथ ही भक्त ने मंदिर प्रशासन से भी नाम को गुप्त रखने की अपील भी की है.बताते चलें कि 1835 में पंजाब के तत्कालीन महाराजा रणजीत सिंग ने विश्वनाथ मंदिर के शिखर को लगभग 22 मन सोने से स्वर्णमंडित कराया था और अब 187 साल बाद फिर बाबा दरबार मे सोना लगाया गया है.
मन्दिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह और बाहर की दीवारों के अलावा चारों चौखट पर लगभग 60 किलो सोना लगाया गया है.गर्भगृह के अंदर की दीवारों पर लगे स्वर्ण परत को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके इसके लिए दीवारों पर पारदर्शी शीट भी लगाई गई है.फरवरी के महीने से ही स्वर्ण को लगाने का काम शुरू हुआ था जो अब पूरा हो गया है.
10 सदस्यीय टीम ने किया कामजानकारी के मुताबिक, मंदिर के गर्भगृह और शिखर पर सोना लगाने के लिए 10 सदस्यीय टीम लगातार कई महीनों से काम कर रही थी.दो चरणों में इस काम को पूरा किया गया है.पहले चरण में गर्भगृह के अंदर सोना लगाया गया है जबकि दूसरे चरण में शिखर और प्रवेश द्वार को स्वर्णमंडित किया गया है.
भक्त सेवाओं का हो रहा विस्तारसुनील कुमार वर्मा ने बताया कि बाबा विश्वनाथ धाम के लोकार्पण होने के बाद से लगातार भक्त खुद यहां सेवाओं के विस्तार के लिए आगे आ रहे हैं.साथ ही मन्दिर प्रशासन को दिल खोल कर सहयोग भी कर रहे हैं.दानदाताओं के इसी सहयोग से हम लोग लगातार मन्दिर में भक्तों के लिए सुविधाओं का विस्तार कर रहे हैं ताकि भक्तों को बाबा दरबार में किसी तरह की कोई परेशानी न हो.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : June 12, 2022, 10:54 IST
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