अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. काशी (Kashi) को देश की सांस्कृतिक राजधानी कहते हैं. इस काशी में भारतरत्न महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय ने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) की स्थापना की थी. महामना के इसी बगिया में दुनिया का सबसे बड़ा सारंगी रखा है. विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय के अनोखे इंस्टूमेंटल म्यूजियम में ये सारंगी रखा गया है. इस सारंगी की ऊंचाई करीब 8 फीट है. बीएचयू का ये अनोखा म्यूजियम पण्डित लालमणि मिश्र वाद्य संग्रहालय के नाम से जाना जाता है.संकाय के प्रमुख शशि कुमार ने बताया कि ये सितार आम सारंगी से लगभग दोगुने साइज का है. खास बात ये भी है कि इसे बजाया भी जा सकता है. लेकिन एंटीक होने के कारण अब इसे म्यूजियम में संजो कर रखा गया है. ताकि संगीत जगत से जुड़े लोग इसे देख और जान सकें. बताते चलें कि आम तौर पर सारंगी की लंबाई 3 से साढ़े तीन फीट होती है, लेकिन बीएचयू इस म्यूजियम में रखा ये सारंगी करीब 8 फीट लंबा है.बीएचयू के स्टूडेंट्स के लिए गौरव की बातबीएचयू की शोध छात्र अर्पिता भट्टाचार्य ने बताया कि वो यहां की स्टूडेंट्स है और उनके लिए ये गर्व की बात है कि यहां दुनिया का सबसे बड़ा सारंगी रखा हुआ है. जिसे वो देख सकती है.इसके अलावा यहां के इंस्टूमेंटल म्यूजियम में ढ़ेरो वाद्य यंत्र देखने को मिलते है.जिसे देखने के लिए लोग यहां आते भी हैं.ऐसे मिलती है एंट्रीबताते चलें कि इस म्यूजियम में आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है.सिर्फ संकाय के प्रमुख के आदेश पर ही लोगों को यहां जाने की इजाजत मिलती है. प्रोफेसर शशि कुमार ने बताया कि इस म्यूजियम में 150 से ज्यादा तरह के वाद्य यंत्र है. जो पूरी तरह सुरक्षित है और उनका इस्तेमाल भी किया जा सकता है.म्यूजियम में है कई इंस्टूमेंटइसमें कई ऐसे वाद्य यंत्र भी है जो पूरी दुनिया में कहीं नहीं है. इस म्यूजियम में जल तरंग, ढोलक के कई वैरायटी, मंजीरा, तबला, शहनाई, झुनझुना, झांझ, तुड़गुड़ा, तानपुरा जैसे कई वाद्य यंत्र भी हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : May 06, 2023, 20:08 IST
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