Varanasi Gyanvapi Case: फव्वारा या शिवलिंग? BHU के इतिहासकार ने कर दिया बड़ा खुलासा

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Varanasi Gyanvapi Case: फव्वारा या शिवलिंग? BHU के इतिहासकार ने कर दिया बड़ा खुलासा



रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल,वाराणसीवाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी केस (Gyanvapi Case) में कमीशन की कार्यवाही के दौरान कथित शिवलिंग मिलने को लेकर बहस जारी है.हिन्दू पक्ष का दावा है कि ये बाबा का प्राचीन शिवलिंग है जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है.इस बहस के बीच बीएचयू के इतिहास विभाग की प्रोफेसर ने बड़ा खुलासा किया है.इतिहास विभाग की प्रोफेसर बिंदा परांजपे ने बताया कि ज्ञानवापी में जिस तरह का कथित शिवलिंग मिला है.वो शिवलिंग है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता.प्राचीन समय में इस तरह के शिवलिंग पाए जाते थे.पानी या तालाब से शिवलिंग का पुराना सम्बंध भी है इसलिए वो शिवलिंग है इससे इनकार नहीं किया जा सकता.कुछ ऐसा ही तर्क प्रोफेसर अनुराधा सिंह का भी है.प्रोफेसर अनुराधा सिंह ने बताया कि स्कंद पुराण में काशी के कई महाशिवलिंग का जिक्र मिलता है.ऐसे में हिन्दू पक्ष जैसा दावा कर रहा है कि वो 12 फीट से भी ज्यादा ऊंचा शिवलिंग है तो वह सम्भव है.बाकी इसकी सच्चाई जानने के लिए पुरातात्विक सर्वेक्षण और कार्बन डेटिंग के जरिए इसकी प्राचीनता का पता सही सही तौर पर लगाया जा सकता है.फव्वारे पर संशयप्रोफेसर बिंदा परांजपे ने बताया कि मध्य काल में फव्वारे का जिक्र तो है लेकिन उस समय में आज के जैसी तकनीक नहीं थी.लिहाजा फव्वारे को चलाने के लिए पानी का दबाव क्षेत्र ऊंचाई पर पानी का संग्रह करके बनाया जाता था.इसके प्रमाण भी 14 वीं शताब्दी से मिलते हैं.लेकिन ज्ञानवापी क्षेत्र में उस तरह की कोई भी चीज मौजूदा समय में नजर नहीं आती है.जिससे फव्वारे को लेकर संशय की स्थिति है.वहीं दूसरी तरह प्रोफेसर अनुराधा सिंह का दावा है कि वाराणसी में शैव सम्प्रदाय का गढ़ रहा है और शैव सम्प्रदाय में आज तक इस आकार के किसी भी फव्वारे को नहीं देखा गया है.हालांकि इस कथित शिवलिंग का सच क्या है ये तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : May 19, 2022, 18:42 IST



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