वाराणसी. ऐसी मान्यता है कि शिव की नगरी काशी भगवान शंकर के त्रिशूल पर टिकी है और भोलेनाथ स्वयं यहां विराजते हैं. भगवान शिव के आनंद वन के भव्य निर्माण के बाद अब उनके नए परिसर में भवनों के नाम बारह ज्योतिर्लिंगों के साथ संतों, महात्माओं और घाटों के नाम से किये गए हैं. अब गोदौलिया गेट विश्वनाथ द्वार के नाम से जाना जाएगा, तो मंदिर चौक का नामकरण शंकराचार्य जी, वैदिक शॉप को पशुपति भवन और भोगशाला को माता अन्नपूर्णा भवन के नाम से जाना जाएगा.
भव्य और नव्य काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण 13 दिसम्बर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम भूमिका निभाई है. काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद नए स्वरुप में आए भवनों में से 33 भवनों को नाम दे दिया गया है. इन नामों में धर्माचार्य, भगवान और शिव के शस्त्र पिनाक (पिनाक भारत में उत्पादित एक मल्टी-बैरेल रॉकेट लॉञ्चर का भी नाम है) के नाम पर रखा गया है.
जानें अब क्या होंगे नये नाम छत्ता द्वार जिसे वीआईपी गेट भी कहा जाता था, जो बाद में गोदौलिया गेट के नाम से जाना जाने लगा था. अब यह विश्वनाथ द्वार के नाम से जाना जाएगा. ऐसे ही अन्य भवनों का नामकरण भी कर दिया गया है. यात्री सुविधा केंद्र-केदार भवन, नीलकंठ पवेलियन-नीलकंठ भवन, गेस्ट हाउस-भीमाशंकर अतिथि गृह, मुमुक्षु भवन- बैद्यनाथ भवन, यात्री सुविधा केंद्र-2- ओंकारेश्वर भवन, स्पिरिचुअल बुक स्टोर- घृष्णेश्वर भवन, सिटी म्यूजियम-रामेश्वर भवन, मल्टीपरपज हाल- त्र्यंबकेश्वर भवन, वाराणसी गैलरी-सोमनाथ भवन, यात्री सुविधा केंद्र-3- मल्लिकार्जुन भवन, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर- महाकालेश्वर भवन, यूटिलिटी भवन- शक्ति भवन, सुरक्षा ऑफिस-पिनाक भवन, ब्लॉक-1- विनायक संकुल,भोगशाला- माता अन्नपूर्णा भवन, शॉप गेट नं 2- कैलाश संकुल, मंदिर चौक- शंकराचार्य चौक, जलपान केंद्र-अमृत भवन, ब्लॉक-2- अमरनाथ संकुल, वैदिक केंद्र-व्यास भवन, वैदिक शॉप- पशुपति भवन, कैफे बिल्डिंग-मानसरोवर, घाट गेट-भैरवनाथ द्वार, व्यूईंग गैलरी-गंगा दर्शनम, ललिता घाट-ललिता पथ, रैम्प बिल्डिंग-जलासेन पथ, गोयनका छात्रावास- कार्तिकेय वाटिका, ब्लॉक-4- कार्तिकेय संकुल के नाम से जाना जाएगा.
इसके अलावा मंदिर परिसर का पूर्वी गेट-गंगा द्वार, मंदिर परिसर का दक्षिणी द्वार-सरस्वती द्वार, मंदिर परिसर का उत्तरी द्वार- नंदी द्वार और मंदिर परिसर का पश्चिमी द्वार-ढुंढिराज द्वार के नाम से जाना जाएगा. बता दें कि पहले काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर लगभग तीन हजार वर्ग फुट तक ही सीमित था. वहीं, काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद यह लगभग 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Kashi Vishwanath Corridor, Kashi Vishwanath Dham, Kashi Vishwanath TempleFIRST PUBLISHED : May 19, 2022, 21:38 IST
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