वाराणसी: बनारस में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनकर तैयार हो चुका है, जिसकी आभा भी पूरे विश्व में फैल चुकी है. आलम यह रहा कि इस बार सावन में लाखों भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई. इस बीच बाबा के भक्तों के लिए एक और खुशखबरी है. खुशखबरी यह है कि विश्वनाथ धाम के फेज टू का भी काम पूरा हो चुका है, जिसके बाद यहां के सारे भवन अब गुलजार हो जाएंगे. लेकिन धाम के सभी भवनों में एक ऐसा भी भवन है, जहां लोग हंसी-खुशी अपनी मौत का इंतजार करेंगे. यह सुनकर आप चौंक गए होंगे लेकिन यह सच है. जी हां, विश्वनाथ धाम में एक ऐसा हाईटेक भवन तैयार किया गया है, जहां लोग अपनी मौत का इंतजार करेंगे और जीवन के अंतिम सांस लेंगे. क्या है यह भवन और क्या है इसकी विशेषता पढ़िये इस रिपोर्ट में.
दरअसल, शिव की काशी नगरी काशी में मौत को भी उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है. इस नगरी में लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए मौत की कामना करते हैं. यही वजह है कि शहर बनारस में कई ऐसे भवन हैं, जहां जीवन का अंतिम समय लोग बिताने आते हैं और बाबा के चरणों में अपने अंतिम सांस की कामना करते हैं, ताकि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो. कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति काशी नगरी में अपने प्राण छोड़ता है तो उसे सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी मान्यता को लेकर दूरदराज से लोग जीवन के अंतिम पड़ाव में आकर यहां बस जाते हैं. हालांकि, ऐसे लोगों को अब काशी में दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा क्योंकि विश्वनाथ धाम में ‘मौत का भवन’ तैयार हो चुका है, जहां उन्हें बाबा के चरणों में मोक्ष मिलेगा. विश्वनाथ धाम में मोक्ष प्राप्ति के लिए हाईटेक भवन तैयार किया गया है. इस भवन का नाम बैधनाथ धाम रखा गया है, बनारस में जिसे मोमोक्षु भवन के नाम से जाना जाता है.
इस भवन में मौत का इंतजार करने वाले लोगों के लिए सारी सुविधाएं दी गई हैं. हाईटेक बिस्तर, फुल एयर कंडीशन हॉल, किचन, शौचालय और रहने वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग अलमारी. इस भवन में 42 बेड लगाए गए हैं, जहां 65 साल के ऊपर के व्यक्तियों को रहने की सुविधा दी जाएगी लेकिन सबसे पहले वरीयता उन बुजुर्ग लोगों दी जाएगी, जो लगभग अपने जीवन के अंतिम सांस गिन रहे हों. इनके लिए यहां दवाई से लेकर भोजन तक की सारी सुविधा उपलब्ध है. बड़ी बात यह है कि धाम में तैयार इस भवन के कारण जो बुजुर्ग व्यक्ति यहां अपनी मौत के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे, उनको बाबा विश्वनाथ के चरणों में जाने के लिए ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि के यह भवन, बाबा के गर्भगृह के परिसर से बिल्कुल नजदीक है.
ऐसी मान्यता है कि शिव की नगरी यानी बनारस शहर त्रिशूल पर बसी हुई है. इस नगरी में एक तरफ मां गंगा पापों को धोती है, तो वहीं बाबा विश्वनाथ तारक मंत्र देकर मोक्ष का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. सदियों से इसी मोक्ष के लालसा लिए शिवभक्त जीवन का अंतिम समय इस नगरी में बिताने की इच्छा जताते हैं. ऐसे में अब उनकी मुराद पूरी हो गई, क्योंकि अब उन्हें मोक्ष बाबा के चरणों के पास मिलेगा. 20 अगस्त के बाद इस भवन का उद्घाटन किसी भी वक्त हो जाएगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Uttar pradesh news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : August 16, 2022, 10:26 IST
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