मथुरा. उत्तर प्रदेश में मौजूद मथुरा के गोवर्धन पर्वत को ज्यादातर लोग जानते हैं. दूर-दूर से लोग इस पर्वत की परिक्रमा को करने आते हैं. इस पर्वत को गिरिराज पर्वत के नाम से भी जाना जाता है. पुराणों के अनुसार, द्वापर युग में इंद्र के प्रकोप से ब्रज वासियों को बचाने के लिए श्री कृष्ण ने अपनी छोटी सी अंगुली पर इस पर्वत को उठा लिया था. 5000 साल पहले गोवर्धन पर्वत की ऊंचाई 30,000 मीटर थी. मगर आज इसकी उंचाई मात्र 25 से 30 मीटर रह गई है. प्रतिदिन यह पर्वत तिल-तिल घट रहा है. आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह.आज से 1 साल पहले एक यूट्यूबर तिल-तिल पर्वत घटने की हकीकत जानने के लिए गोवर्धन पहुंचा. गोवर्धन पर्वत पहुंचकर उसे चौंकाने वाले रहस्य पता चले. शख्स जब पर्वत पर चढ़ा तो उसे एक पुजारी बाबा मिले. जब उस शख्स ने उनसे पूछा कि बाबा आखिर यह पर्वत तिल-तिल क्यों घट रहा है. पुजारी ने बताया कि कृष्ण के समय में यह पर्वत 64 कोस ऊंचा था. मगर अब यह पर्वत हर रोज तिल-तिल घट रहा है. उन्होंने बताया कि एक ऋषि ने गोवर्धन पर्वत को तिल-तिल घटने का श्राप दिया था. साथ ही कहा कि जिस दिन यह पर्वत जमीन में पूरा धस जाएगा उस दिन प्रलय आ जाएगी.
राधा जी और श्री कृष्ण के होने के साक्ष्य मौजूद
वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि गिरिराज पर्वत पर राधा जी और श्री कृष्ण के होने के कई साक्ष्य है. पर्वत के ऊपर एक जगह है जहां पर राधा जी और कृष्ण जी के पैरों के निशान होने का दावा किया जाता है. दूर-दूर से भक्त पूजा करने वहां पहुंचते हैं. इतना ही नहीं इस पर्वत पर गाय और उनके बछड़ों के खुर (पैर) के निशान देखने को मिलते हैं. यह पर्वत अपने आप में एक रहस्यमयी जगह है. श्री कृष्ण जी बचपन में यहां लीला किया करते थे.FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 18:52 IST