Uttar pradesh power corporation limited uppcl dismissed 55 engineer absent from duty since about 10 years nodmk3

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Uttar pradesh power corporation limited uppcl dismissed 55 engineer absent from duty since about 10 years nodmk3



लखनऊ. उत्‍तर प्रदेश में ड्यूटी में कोताही बरतने के मामले में दर्जनों की संख्‍या में सरकारी इंजीनियर को बर्खास्‍त कर दिया गया है. उत्‍तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने दायित्‍व का निर्वाह नहीं करने वाले अभियंताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. बर्खास्‍त किए गए इंजीनियर्स बिना अनुमति के वर्षों से ड्यूटी से गैरहाजिर थे. UPPCL की ओर से इन अभियंताओं के घर तक आरोपपत्र भी भेजे गए थे, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. UPPCL ने अखबरों में भी इस बाबत विज्ञापन दिया था. उसपर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. इसके बाद 55 इंजीनियर को सेवामुक्‍त करने का फैसला किया गया. बताया जाता है कि कुछ इंजीनियर्स 5 तो कुछ तकरीबन 10 साल से ड्यूटी से गायब थे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, UPPCL में कार्यरत 91 इंजीनियर ऐसे मिले जो बिना किसी पूर्व सूचना और वरिष्‍ठ अधिकारियों की अनुमति के बगैर ही 5 साल से भी ज्‍यादा समय से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे. मामले के संज्ञान में आने के बाद UPPCL ने मुख्‍य अभियंता को जांच की जिम्‍मेदारी सौंपी थी. छानबीन में पता चला कि ये इंजीनियर पिछले तकरीबन 10 वर्षों से कार्यालय आ ही नहीं रहे हैं. इन्‍होंने इस बारे में न तो किसी को बताया और न ही अपने वरिष्‍ठ अधिकारियों को इसकी सूचना ही दी. इसके बाद UPPCL की ओर से इन अभियंताओं के घर पर ही आरोपपत्र भिजवाए गए. इसपर कोई रिस्‍पांस नहीं आने पर अखबरों में इसका विज्ञापन दिया गया. इसके बावजूद कोई जवाब नहीं आया. UPPCL का कहना है कि ड्यूटी से गायब इंजीनियर को पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया, लेकिन किसी ने भी विभाग से संपर्क नहीं किया. इसके बाद 91 में से 55 इंजीनयर को बर्खास्‍त करने का फैसला लिया गया. बाकी बचे इंजीनियर की जांच चल रही है.
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न छुट्टी स्‍वीकृत कराई, न ही दी सूचनाजानकारी के अनुसार, इन अभियंताओं ने ड्यूटी से गैरहाजिर रहने के संबंध में किसी को नहीं बताया. इन्‍होंने वरिष्ठ अफसरों से अवकाश स्वीकृत भी नहीं कराया था. अवर अभियंताओं की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट भी अफसरों के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई थी. कर्तव्यों और दायित्वों के निर्वहन में जानबूझकर शिथिलता बरतने को प्रबंधन ने कॉरपोरेशन के नियमों और उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के प्रविधानों का उल्लंघन माना. इसके बाद ऐसे 55 इंजीनियर को बर्खास्‍त करने का फैसला किया गया.

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