uttar pradesh election special, 50-50 kos tak thee dacoit gabbar singh ki dahashat chitthiyon se palat jati thi chunavi phija read untold story

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uttar pradesh election special, 50-50 kos tak thee dacoit gabbar singh ki dahashat chitthiyon se palat jati thi chunavi phija read untold story



ललितपुर. साल 1975 में आई भारतीय सिनेमा की मशहूर ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ के डाकू गब्बर सिंह का मशहूर डायलॉग आपको जरूर याद होगा. फिल्म में गब्बर सिंह (Gabbar Singh) कहता है, ‘यहां से 50-50 कोस दूर गांव में जब बच्चा रोता है तो मां कहती है सो जा, नहीं तो गब्बर सिंह आ जाएगा.’ लेकिन आज हम जिस गब्बर सिंह के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, वह सिनेमा की दुनिया से नहीं, बल्कि रियल डाकू गब्बर सिंह की कहानी है. इस गब्बर सिंह की दहशत यूपी के बुंदेलखंड और पूरे चंबल इलाके में फैली थी. दहशत ऐसी कि 50-50 कोस दूर तक उसके नाम से लोग कांपते थे. यूपी में अभी विधानसभा चुनाव का माहौल है. ऐसे में यह जानना रोचक होगा कि ललितपुर जिले के रामपुर गांव का यह डाकू गब्बर सिंह अपनी एक चिट्ठी से किसी भी इलाके की चुनावी फिजा बदल देता था. उसका दहशत ऐसा था कि गब्बर सिंह की चिट्ठी पहुंचते ही चुनावी बाजियां पलट जाया करती थीं.आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रमेश सिप्पी की बनाई फिल्म ‘शोले’ के कई दृश्य इसी डाकू गब्बर सिंह के जीवन से जुड़ी घटनाओं पर आधारित है. करीब पौने दो सौ संगीन मुकदमों के आरोपी रहे गब्बर सिंह ने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया की. आपको हैरानी होगी कि फिल्म ‘शोले’ में रामगढ़ के डाकू गब्बर ने ठाकुर के हाथ काट लिए थे, लेकिन रामपुर गांव का यह गब्बर सिंह मुखबिरी करने वालों की नाक और कान काट लेता था. एक जानकारी यह भी इस गब्बर सिंह की फौज में एक सांबा रहा है. अपनी दहशत के दम पर गब्बर सिंह ने सियासी धमक पैदा की और यही वजह थी कि उसकी भेजी चिट्ठियां की गांव के गांव में चुनावी बाजी पलटवा देती थीं. ‘शोले’ का रामगढ़, गब्बर का रामपुर 1975 की मशहूर एक्शन फिल्म शोले के निर्माता गोपालदास सिप्पी रहे हैं. फिल्म में डाकू गब्बर सिंह के डायलॉग की गूंज आज भी थर्रा देती है. इसमें डाकू गब्बर सिंह को रामगढ़ गांव को दिखाया गया है, लेकिन असल जिंदगी के गब्बर के गांव का नाम रामपुर है. उसके खिलाफ ललितपुर जिले के थानों में 1970 से कई अपराधिक मामले दर्ज हुए. कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने वाले गब्बर सिंह का खौफ झांसी जालौन से लेकर सागर, पन्ना, टीकमगढ़ समेत कई जिलों में रहा है. गब्बर सिंह का खौफ इतना था कि मध्य प्रदेश सरकार ने उससे वार्ता कर 1986 में सशर्त आत्मसमर्पण करा दिया. ‘शोले’ का रामगढ़, गब्बर का रामपुर आगे पढ़ेंब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |



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