रिपोर्ट आदित्य कृष्ण
अमेठी : खबर यूपी के अमेठी से है. जहां वर्षों पूर्व जो कारखाने अमेठी में रोजगार के लिए शुरू किए गए थे और लोगों की उम्मीद थी कि इन कारखानों से हमारे परिवार का भरण पोषण आसानी से चल सकेगा. अब वह कारखाने महजखंडहरों में तब्दील हो गए हैं. सरकार नए नए रोजगार के सृजन की बात भले ही करें. लेकिन पुराने कारखानों की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दे रहा.
ऐसे में किसान नौजवान के साथ बेरोजगार अपनी आस इन्हीं खंडहर कारखानों से लगाए बैठे हैं अब भी उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इन कारखानों की शुरुआत होगी और हमें रोजगार मिलेगा.
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तस्वीरों में भी जिस भारी-भरकम खंडहर को आप देख रहे हैं. वह कभी किसानों के लिए 2 जून की रोटी का साधन था. जी हां हम बात कर रहे हैं उषा इंडिया लिमिटेड की फैक्ट्री की. अमेठी जनपद के गौरीगंज तहसील के गुर्जर टोला गांव में 1990 में तत्कालीन प्रधान मान बहादुर सिंह से आग्रह कर स्टील के बर्तन और टीन शेड बनाने की लिए स्टील फैक्ट्री की शुरुआत की गई थी.
यही ऊषा इंडिया लिमिटेड की फैक्ट्री अब कब्रगाह बन कर रह चुकी है. किसानों से रोजगार देने के नाम पर जमीन ली गई थी कुछ किसानों को मुआवजा भी दिया गया और शेष किसानों को यह कहा गया कि उन्हें रोजगार मुहैया होगा.
फैक्ट्री को बंद कर दिया गया
करीब 5 सालों तक इस फैक्ट्री को चलाया गया. इसके बाद फैक्ट्री को बंद कर दिया गया आज के हालात यह है कि फैक्ट्री में सिर्फ जंगली जानवर और कीड़े मकोड़े निवास कर रहे हैं. फैक्ट्री में लगी मशीनों को भी फैक्ट्री के मालिकों द्वारा बेच दिया गया. आज किसान अपनी बेशकीमती जमीन जाने के बाद परेशान हैं. उनकी मांग है या तो इस फैक्ट्री की शुरुआत की जाए या तो जमीन हमें वापस कर दिया जाए.
2 उद्योगपतियों ने मिलकर की थी शुरुआत
आपको बता दें कि 1990 में शुरू हुई इस उषा इंडिया लिमिटेड फैक्ट्री की शुरुआत मालिक विजय राय उनके भाई अनिल राय ने मिलकरशुरुआत की थी.फैक्ट्री के मालिक द्वारा यह ठोसआश्वासन दिया गया था कि किसानों को उचित मुआवजा देने के साथ जिस किसान की जमीन जा रही है. उस किसान के घर से एक व्यक्ति को नौकरी भी दी जाएगी. वर्तमान समय में सिर्फ फैक्ट्री की दीवारें और कटीली झाड़ियों का परिसर में कब्जा है.
सुनिए किसानों की पीड़ा
गांव के किसान पवन सिंह ने बताया की सैकड़ों किसानों ने इस फैक्ट्री को शुरू करने के लिए अपनी जमीन दी थी. किसानों की बेशकीमती जमीन लेकर उनसे धोखाधड़ी की गई. उन्हें मुआवजा भी नहीं दिया गया और आज किसान और यहां के लोग रोजगार के लिए दर बदर भटकने को मजबूर हैं. हमारी मांग है कि फैक्ट्री को शुरू कराया जाए या तो किसानों की जमीन को वापस किया जाए.
जमीन देने वाले किसानों को नहीं मिला रोजगार
एक और किसान और फैक्ट्री में कई पदों पर काम कर चुके सरोज कुमार सिंह ने बताया किसानों से जमीन ली गई. आज उन्हें रोजगार भी नहीं दिया गया और किसान रोजगार पाने के लिए दर बदर भटकने को मजबूर हैं. फैक्ट्री में लगे उपकरण बेच हमारी मांगे की बेशकीमती जमीन पर कुछ ना कुछ रोजगार शुरू किया जाए. जिससे किसानों को बेरोजगारी की समस्या ना हो.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Amethi news, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : February 23, 2023, 21:31 IST
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