Khaskhas Ke Fayde: दादी-नानी की रसोई में रखी छोटी-सी डिब्बी, जिसमें सफेद-मटमैले रंग के ये छोटे-छोटे दाने भरे होते थे, मानो कोई जादुई औषधि हो. दादी-नानियां कहती थीं, “ये खसखस गर्मी को चुटकियों में भगा देता है.” आयुर्वेद, चरक संहिता, साइंटिफिक रिसर्च और दादी-नानियों की कहानियां एक ऐसी तस्वीर बनाती हैं, जो न सिर्फ सेहत से भरी है, बल्कि हमारी संस्कृति का एक अनमोल हिस्सा भी है. खसखस, जिसका साइंटिफिक नाम पैपावर सोम्नीफेरम है. हजारों सालों से मानव सभ्यता का हिस्सा रहा है. आयुर्वेद में इसे “पोस्त दाना” या “खसतिल” कहा जाता है, और चरक संहिता में इसे पित्त दोष को शांत करने वाली जड़ी-बूटी बताया गया है.
खसखस की ठंडी तासीरचरक संहिता में खसखस को “उशीरा” के साथ जोड़ा गया है, जिसकी ठंडी तासीर शरीर की गर्मी को कम करती है. यह गर्मियों में पेट की जलन, पैरों में जलन और स्किन की समस्याओं को दूर करने में कारगर मानी जाती है. आयुर्वेद के डॉक्टर अमित बताते हैं कि खसखस का शरबत न सिर्फ शरीर को ठंडा रखता है, बल्कि मन को भी शांत करता है. वह कहते हैं, “गर्मी में जब पित्त बढ़ जाता है, तो खसखस का दूध या शरबत पीने से तुरंत राहत मिलती है.”
साइंटिफिक एंगलसाइंटिफिक एंगल से देखें, तो खसखस के बीज पोषक तत्वों का खजाना हैं. इनमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, और आयरन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. रिसर्च बताते हैं कि खसखस में मौजूद जिंक इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जो गर्मियों में होने वाली मौसमी बीमारियों से बचाव में मदद करता है. एक रिसर्च बताता है कि खसखस में मौजूद मैग्नीशियम साउंड स्लिप यानी अच्छी नींद का सबब बनता है. यही कारण है कि दादी-नानियां रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में खसखस डालकर पिलाती थीं, ताकि गहरी और सुकून भरी नींद आए. इसके अलावा, खसखस में मौजूद ओमेगा-6 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, और इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करते हैं.
खसखस के गुणगर्मी से बचाव में खसखस के चमत्कारिक गुणों की बात करें, तो इसकी ठंडी तासीर इसे गर्मियों का सुपरफूड बनाती है. खसखस का शरबत या दूध पीने से शरीर का तापमान नियंत्रित होता है, और डिहाइड्रेशन की समस्या दूर होती है. खसखस का पानी पेट के पीएच को संतुलित करता है, जिससे गर्मियों में होने वाली एसिडिटी और पेट की जलन में राहत मिलती है.
आयुर्वेद में खसखस का इस्तेमालआयुर्वेद में खसखस का तेल पेन रिलीफ के रूप में भी इस्तेमाल होता है, और यह ज्वाइंट पेन और सूजन को कम करने में असरदार है. हाल के रिसर्च भी खसखस के इन ट्रेडिशनल इस्तेमाल की पुष्टि करते हैं. डॉक्टर अमित के अनुसार, खसखस डाइजेशन सिस्टम को मजबूत करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है. इसके अलावा, यह स्किन के लिए भी लाभकारी है. खसखस को दूध के साथ पीसकर चेहरे पर लगाने से त्वचा की जलन और मुहासे कम होते हैं. एक रिसर्च में पाया गया कि खसखस में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जो गर्मियों में सूरज की किरणों से होने वाली त्वचा की समस्याओं के लिए भी फायदेमंद है. ज्यादातर जानकारी आयुर्वेद और ट्रेडिशनल ज्ञान पर बेस्ड है, लेकिन साइंटिफिक रिसर्च भी इसके गुणों को सपोर्ट करते हैं. कई रिसर्च खसखस को गर्मियों में हाइड्रेशन और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प बताते हैं.
वेस्टर्न मेडिसिन में खसखस का इस्तेमालखसखस का इस्तेमाल न सिर्फ आयुर्वेद में, बल्कि वेस्टर्न मेडिसिन पैटर्न में भी किया जाता है. इसका सेवन हार्ट हेल्थ के लिए उतना ही फायदेमंद है जितना कि डाइजेशन सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए. इसके सेवन से शरीर में ठंडक बनी रहती है और यह ज्यादा गर्मी और थकावट को दूर करने में मदद करता है. रिसर्च से यह भी सामने आया है कि यह नेचुरल तरीके से ब्लड को शुद्ध करता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है. साथ ही, यह स्ट्रेस को भी कम करता है. इन सभी गुणों के कारण, खसखस का सेवन न केवल शरीर को ठंडा करता है, बल्कि इसे शक्तिशाली भी बनाता है.–आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.