UPSC Result:- Local 18 पर मिलिए झांसी की अफसर बिटिया बनी संपदा से जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में हासिल की 79 वीं रैंक 

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UPSC Result:- Local 18 पर मिलिए झांसी की अफसर बिटिया बनी संपदा से जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में हासिल की 79 वीं रैंक 



(रिपोर्ट – शाश्वत सिंह)
झांसी:-सिविल सेवा 2022 के परीक्षा परिणाम आ चुके हैं.परिणामों में इस बार फिर लड़कियों ने बाजी मारी है.श्रेष्ठ 3 पायदान पर लड़कियां काबीज हैं.टॉप 100 में भी अधिकतर स्थान लड़कियों ने ही प्राप्त किए हैं.इस टॉप 100 में एक स्थान झांसी की एक बेटी ने भी हासिल किया है. 79 रैंक हासिल करने वाली संपदा त्रिवेदी झांसी की रहने वाली हैं. संपदा झांसी के मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं. उनके पिता बृजेश त्रिवेदी का झांसी शहर में एक विवाह घर है. संपदा ने NEWS 18 LOCAL से खास बातचीत में अपनी आईएएस बनने के सफर पर विस्तार से बात की.
इतने बेहतर रैंक की नहीं थी उम्मीदसंपदा ने 2017 में दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद से ही वह सिविल सेवा की तैयारी में जुट गईं.चौथे अटेम्प्ट में सफलता हासिल करने वाली संपदा ने बताया कि लिस्ट में नाम आने की इच्छा तो थी. लेकिन, इतने बेहतर रैंक की उम्मीद नहीं थी.बाबा का था सपना
संपदा ने बताया कि उनके आईएएस बनने का सपना उनके दादाजी ने देखा था.वो बताती हैं कि बाबा बचपन से कहते थे कि हमारी लड़की डीएम बनेगी.संपदा के दादा पंडित त्रिभुवन नाथ त्रिवेदी झांसी के एसपीआई इंटर कॉलेज के प्राचार्य पद पर थे.इस सपने और दिल्ली विश्वविद्यालय के माहौल ने उन्हें सिविल सेवा की तैयारी की ओर मोड़ा.उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में दोस्तों के साथ माहौल बना और तैयारी के बारे में भी जानकारी वहीं से पता चली.क्वांटिटी नहीं क्वालिटी स्टडी का है महत्व
संपदा ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान से तैयारी शुरू की. इस साल वहां कोचिंग करने के बाद वह वापस झांसी लौट आईं और सिर्फ स्टडी के माध्यम से ही तैयारी जारी रखी. शुरुआत में दिन में 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थी. उसके बाद 5 से 6 घंटे रोजाना पढ़ाई जारी रखी. संपदा का यह मानना है कि पढ़ाई क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी वाली होनी चाहिए. अगर आप 12 घंटे पढ़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप रोज नहीं पढ़ रहे हैं.
परिवार ने दिया पूरा साथ
चौथे अटेम्प्ट में परीक्षा पास करने वाली संपदा ने बताया कि कई बार मनोबल टूटता था.ऐसे में परिवार ने उनको बहुत साथ दिया.खास तौर पर उनके पिता उन्हें मेडिटेशन करने के लिए कहते थे.इस कारण उन्हें एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती रही.संपदा का मानना है कि पूरी तरह दुनिया से कटकर तैयारी नहीं की जा सकती. सोशल मीडिया के साथ उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर है कि वह किस प्रकार सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है.
मानव संसाधन पर करना चाहती हैं काम
पोस्टिंग मिलने के बाद संपदा शिक्षा, स्वास्थ्य और स्किल डेवलपमेंट पर काम करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में काफी काम किया जा सकता है. स्किल डेवलपमेंट से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों को पूरी ईमानदारी के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति तक ले जाना और उनके उत्थान के लिए काम करना ही प्राथमिकता रहेगी.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : May 31, 2022, 18:25 IST



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