गाजियाबाद: गाजियाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर यूपी चुनाव 2022 में जीत दर्ज की थी. यह सीट भाजपा विधायक अतुल गर्ग के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी. भाजपा ने जहां गाजियाबाद सीट से ब्राह्मण उम्मीदवार को मैदान में उतारा है तो वहीं बसपा की ओर से वैश्य उम्मीदवार मैदान में हैं. जबकि सपा ने सामान्य सीट पर एक दलित उम्मीदवार को उतारकर बड़ा दांव खेला है. आगामी चुनावों में गाजियाबाद की जनता इस बार जाति और विकास के बीच अपनी प्राथमिकताओं को लेकर मुखर दिखाई दे रही है. इस क्षेत्र के कई नागरिकों की राय में इस चुनावी सत्र में न केवल स्थानीय मुद्दे बल्कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे की जरूरतें भी निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं.
गाजियाबाद जैसे क्षेत्र में जातिगत समीकरण एक अहम मुद्दा रहा है. यहां विभिन्न समुदायों की उपस्थिति और उनके वोट बैंक के चलते राजनीतिक दलों ने जाति पर आधारित राजनीति का सहारा लिया है. लेकिन इस बार जनता का एक बड़ा वर्ग इस प्रवृत्ति से हटकर विकास को प्राथमिकता देने पर विचार कर रहा है. कुछ मतदाताओं का मानना है कि जाति के आधार पर मतदान करने की बजाय वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए.
रोजगार और शिक्षा की मांगगाजियाबाद में युवाओं का एक बड़ा हिस्सा रोजगार और शिक्षा की गुणवत्ता को प्रमुख चुनावी मुद्दा मानता है. युवाओं में इस बात को लेकर आक्रोश है कि शहर में रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी महंगी होती जा रही है. वे चाहते हैं कि इस बार चुने गए प्रतिनिधि इन मुद्दों पर गंभीरता से काम करें और इस क्षेत्र के लिए अधिक रोजगार सृजन में योगदान दें.
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरतमहामारी के बाद से ही स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा काफी अहम हो गया है. गाजियाबाद में सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की हालत सुधारने की आवश्यकता है, जो जनता की एक बड़ी प्राथमिकता बन गई है. नागरिक उम्मीद कर रहे हैं कि अगली सरकार उनकी स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच को बेहतर बनाएगी.
बुनियादी ढांचा और ट्रैफिक की समस्यागाजियाबाद में पिछले कुछ वर्षों में ट्रैफिक और बुनियादी ढांचे को लेकर असंतोष बढ़ा है. स्थानीय निवासी लगातार जाम की समस्या से जूझ रहे हैं और शहर में बुनियादी ढांचे की सुधार की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं. मतदाताओं का कहना है कि इस बार वे ऐसे उम्मीदवार का समर्थन करेंगे जो इन समस्याओं को सुलझाने का ठोस वादा करे और गाजियाबाद की बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाए.
विकास बड़ा मुद्दाचुनाव के इस मौसम में गाजियाबाद की जनता का एक बड़ा हिस्सा अब विकास के मुद्दे पर केंद्रित हो रहा है। नागरिकों का कहना है कि उन्हें अब जातिगत राजनीति से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, बल्कि वे देखना चाहते हैं कि जो भी प्रतिनिधि चुनकर आए, वह उनके शहर का समग्र विकास सुनिश्चित करे. गाजियाबाद की जनता इस बार जातिगत मतभेदों से ऊपर उठकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देने का संकेत दे रही है.
Tags: Ghaziabad News, Local18, UP Election, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 20:53 IST