UP Upchunav: फूलपुर सीट पर चिराग पासवान करेंगे ‘खेला’, अखिलेश को मिलेगा फायदा, इस वजह से बीजेपी की बढ़ गई टेंशन

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UP Upchunav: फूलपुर सीट पर चिराग पासवान करेंगे 'खेला', अखिलेश को मिलेगा फायदा, इस वजह से बीजेपी की बढ़ गई टेंशन

हाइलाइट्सप्रयागराज की फूलपुर सीट पर इस बार कांटे की टक्कर चिराग पासवान ने भी फूलपुर उपचुनाव लड़ने का किया ऐलान बीजेपी ने अभी तक प्रत्याशी का नहीं किया है ऐलान प्रयागराज. प्रयागराज जिले की फूलपुर विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए नामांकन शुरू होने के साथ ही काउंटडाउन शुरू हो गया है. वीवीआईपी सीटों में शुमार फूलपुर विधानसभा सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़े मुकाबले के आसार नजर आ रहे हैं. हालांकि एनडीए की सहयोगी चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी भी इस सीट से प्रत्याशी उतारने की घोषणा की है. इस स्थिति में बीजेपी के लिए टेंशन बढ़ सकती है, जबकि इसका फायदा समाजवादी पार्टी को हो सकता है.

इस सीट पर एनडीए जहां केंद्र और प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी कर रही है। तो वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन केंद्र व प्रदेश सरकार की विफलताओं के साथ ही पीडीए को बड़ा मुद्दा मान रही है. इस सीट पर इंडिया गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी ने मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी को प्रत्याशी बनाया है. सपा प्रत्याशी इसलिए भी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं, क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें महज 2723 वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी प्रवीण पटेल ने हराया था. लेकिन इसके 2 साल बाद 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में फूलपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अमरनाथ मौर्या को को लगभग 18 हजार की लीड मिली थी, जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के हौसले बुलंद है.

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इस सीट पर हैं इतने मतदातावहीं इस सीट के सियासी समीकरण को अगर देखें तो कुल 4 लाख 07 हजार 366 मतदाता अपना विधायक चुनेंगे. इसमें 2 लाख 23 हजार 560 पुरुष और एक लाख 83 हजार 748 महिला मतदाताओं के साथ ही थर्ड जेंडर के 58 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. जातीय समीकरण की अगर बात करें तो इस सीट पर ओबीसी मतदाता निर्णायक भूमिका में है. खास तौर पर पटेल मतदाता जीत हार तय कर सकते हैं. वहीं इस सीट पर मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण भी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकता है.

तीन दलों ने उतारे प्रत्याशीफूलपुर विधानसभा सीट की अगर बात करें तो इस सीट पर अब तक तीन दलों के प्रत्याशियों की घोषणा भी हो चुकी है. सबसे पहले बसपा ने इस सीट पर 16 अगस्त को शिवबरन पासी को प्रत्याशी घोषित किया. इसके बाद समाजवादी पार्टी ने 9 अक्टूबर को तीन बार के पूर्व विधायक मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी को अपना उम्मीदवार बनाया है. मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी प्रवीण पटेल को कड़ी टक्कर दी थी. हालांकि उन्हें महज 2723 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. यही वजह है कि एक बार फिर से सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उन पर दांव लगाया है. वहीं इस सीट पर चंद्रशेखर आजाद रावण की आजाद समाज पार्टी ने भी मुस्लिम प्रत्याशी शाहिद अख्तर खान को चुनाव मैदान में उतारा है.  हालांकि पहले ही सपा से मुस्लिम प्रत्याशी उतारे जाने के चलते आजाद पार्टी में अब कोई दमखम नजर नहीं आ रहा है.

LJP ने भी प्रत्याशी उतारने का मन बनायाफूलपुर चुनाव में छोटे राजनीतिक दल भी वोट कटवा साबित हो सकते हैं. ऐसे राजनीतिक दल एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन के प्रत्याशियों की टेंशन भी दे सकते हैं. दरअसल, NDA में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के पूर्वी यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव पासवान ने जल्द ही फूलपुर सीट पर अनुसूचित जाति का प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है. ऐसे में छोटे राजनीतिक दलों के प्रत्याशी भी प्रत्याशियों की जीत हार में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं.

फूलपुर सीट का इतिहासफूलपुर विधानसभा सीट के इतिहास की अगर बात करें तो परिसीमन से पहले यह विधानसभा सीट झूंसी के नाम से जानी जाती थी. 1974 से 2022 तक हुए 13 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और जनता दल के प्रत्याशी दो-दो बार चुनाव जीत चुके हैं. जबकि जनता पार्टी,जनता पार्टी सेकुलर और बसपा को एक-एक और समाजवादी पार्टी को कुल चार बार सीट पर जीत मिली है.

1974 से लेकर अब तक इस सीट पर चुने गए विधायक1974: कांग्रेस, विद्याधर1977: जनता पार्टी, केशरी नाथ त्रिपाठी1980: जेएनपी सेक्युलर, बैजनाथ प्रसाद कुशवाहा1985: कांग्रेस, महेंद्र प्रताप सिंह1989: कांग्रेस, महेंद्र प्रताप सिंह1991: कांग्रेस, महेंद्र प्रताप सिंह1993: सपा, जवाहर यादव1996: सपा, विजमा यादव2002: सपा, विजमा यादव2007: बसपा, प्रवीण पटेल2012: सपा, सईद अहमद2017: भाजपा, प्रवीण पटेल2022: भाजपा, प्रवीण पटेल

रोजगार बड़ा मुद्दाफूलपुर सीट के मुद्दों की अगर बात करें तो इस सीट पर भी बेरोजगारी और विकास एक बड़ा मुद्दा है.  शहर से सटे होने के कारण लोग रोजगार की तलाश में शहर आते हैं. हालांकि इलाके में यूरिया खाद बनाने वाली इफको की फैक्ट्री भी है, लेकिन इसके अलावा कोई अन्य फैक्ट्री या उद्योग ना लगने से लोगों के लिए रोजगार एक बड़ा मुद्दा है.

बीजेपी प्रत्याशी पर मंथन जारीबहरहाल फूलपुर सीट पर बीजेपी ने अभी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. बीजेपी में प्रत्याशी के नाम को लेकर मंथन का दौर चल रहा है. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक प्रत्याशी का नाम लगभग फाइनल कर लिया गया है. माना जा रहा है कि ओबीसी से ही पार्टी प्रत्याशी उतार सकती है. हालांकि इस सीट पर जिस तरह से सियासी समीकरण नजर आ रहे हैं उससे एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा और कड़ा मुकाबला हो सकता है. इसलिए फूलपुर उपचुनाव में जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा यह 23 नवंबर को मतगणना के बाद जनता जनार्दन ही तय करेगी.
Tags: Allahabad news, Assembly by electionFIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 11:02 IST

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