मुरादाबाद/पीयूष शर्मा: नशा युवाओं की जिंदगी में जहर घोल रहा है. जिला अस्पताल में ओपिओइड सब्स्टीट्यूट थेरेपी सेंटर में 155 युवाओं का नशा छुड़वाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा गया है. इन्हें लगातार दवा पिलाने के साथ ही काउंसिलिंग भी की गई. इसके अलावा गली मुहल्ले के लोगों को भी जागरूक कराया गया. इन्हें नशे से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया और समझाया गया कि ये आज के साथ-साथ कल भी बर्बाद कर सकता है. इन युवाओं की काउंसलिंग भी की गई ताकि उन्हें नशा छोड़ने में कम परेशानी हो.नशा नसों को करता है खराबइंजेक्शन से लिया जाने वाला नशा नसों को भी खराब करता है. शरीर के अन्य अंगों पर खासतौर से मस्तिष्क पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. जिससे कोई भी युवक किसी भी काम करने के लायक नहीं बचता है. दिनभर उसकी स्थिति खराब रहती है. न खाने की चिंता और न ही काम करने का मन होता है. दो से तीन साल में हष्ट-पुष्ट युवक पूरी तरह कमजोर हो जाता है. सरकार ने नशा करने वाले युवकों को ठीक करने के लिए हर जनपद में ओपिओइड सब्स्टीट्यूट थेरेपी सेंटर 2014 से संचालित करा रही है. जनपद मुरादाबाद में 2014 से सितंबर 2024 तक 598 नशा करने वालों का उपचार हुआ. संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है.लगातार उपचार के बाद होता है लाभइस समस्या में लगातार उपचार लेने के बाद ही लाभ होता है. यहां फिलहाल 218 मरीजों का उपचार हो रहा है. इसमें से 155 युवाओं का नशा छुड़ा दिया गया है. चिकित्सक डा. स्वालेह खान के अनुसार मरीजों को दवा अपने सामने खिलाई जाती है. यह दवा मरीजों स्वास्थ्य कर्मचारियों के सामने खिलाई जाती है. जिससे यह अंदेशा बिलकुल भी न रहे कि दवा खाई या नहीं होगी. लगातार दवाएं और थेरेपी लेने से धीरे-धीरे इनकी हालत में सुधार होने लगता है और ये सामान्य लोगों की ही तरह जीवन व्यतीत करने लगते हैं.FIRST PUBLISHED : November 6, 2024, 07:56 IST