सोनभद्र: दिवाली हो या कोई दूसरा त्यौहार, चाहे घर में कोई शुभ कार्य हो या शादी-विवाह, आपने देखा होगा कि लोग अपने घरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए तमाम उपाय करते हैं. इनमें घरों की पुताई (पेंटिंग) करना भी एक महत्वपूर्ण कारण होता है. इसके लिए लोग अक्सर चूना, डिस्टेंपर आदि का उपयोग करते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में एक ऐसी पहाड़ी है, जहां से मिलने वाली विशेष मिट्टी का उपयोग लोग पुताई के लिए करते हैं. बता दें सोनभद्र जनपद प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है. यहां की मिट्टी में सोना, अभ्रक, तांबा, बेशकीमती बालू और पत्थर भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह विशेष मिट्टी, जो पुताई में चूने का काम करती है, अपने आप में ऐतिहासिक महत्व रखती है.
अलग-अलग गांवों से आते हैं लोगइस मिट्टी को लेने के लिए क्षेत्र के विभिन्न गांवों से लोग यहां आते हैं. सदियों से इस मिट्टी का प्रयोग घरों की पुताई के लिए किया जाता रहा है, विशेष रूप से दिवाली के समय मिट्टी की दीवारों की परंपरागत पुताई के लिए इसका उपयोग अधिक होता है. पुताई करने के लिए जिस प्रकार चूने से पुताई का तरीका अपनाया जाता है, ठीक उसी प्रकार इस मिट्टी का भी उपयोग किया जाता है.
कहां है ये पहाड़ीयह पहाड़ी यूपी के सोनभद्र जनपद के चोपन ब्लॉक क्षेत्र के बड़गावां में स्थित है. यहां की मिट्टी का उपयोग करने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता, यह पूरी तरह से मुफ्त में उपलब्ध होती है. दिवाली के अवसर पर इस मिट्टी को लेने के लिए भारी संख्या में लोग यहां एकत्र होते हैं और अपनी बारी का इंतजार कर इसे लेकर जाते हैं.
स्थानीय ग्रामीण राम ललित पांडेय ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि पुरखों के जमाने से ही हम लोग इस मिट्टी का उपयोग करते आ रहे हैं. यह मिट्टी घरों की सुंदरता को निखारती है और चूने जैसी चमक लाती है. अगर सफेद रंग के बजाय दूसरा रंग चाहिए, तो इसमें भी उसी तरह सामग्री मिलाई जा सकती है, जैसा कि चूने में मिलाई जाती है, जिससे यह भी वांछित रंग का हो जाता है.
Tags: Local18, News18 uttar pradesh, Sonbhadra NewsFIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 07:51 IST