Sultanpur: उत्तर प्रदेश का सुल्तानपुर धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है. यहां स्थित बगहा बाबा का धाम विशेष रूप से निराला है. लोग मानते हैं कि यहां दर्शन करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हालांकि, यह मंदिर अपने निर्माण के दौरान काफी विवादों में रहा, इसलिए इसका ऐतिहासिक दृष्टिकोण जानना जरूरी हो जाता है. ऐसा कहा जाता है कि बगहा बाबा के आशीर्वाद से जिनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, वे यहां घंटी चढ़ाते हैं या मनोकामना पूरी कराने के लिए घंटी चढ़ाते हैं.
मंदिर का विवादित इतिहासलोकल 18 से बातचीत के दौरान, मंदिर के पुजारी पंडित अशोक तिवारी ने बताया कि मंदिर निर्माण के समय कुछ विवादों के चलते तत्कालीन सीओ ने निर्माण कार्य रुकवा दिया था. लेकिन बगहा बाबा की महिमा ने सीओ को प्रभावित किया, और अगले ही दिन सीओ ने खुद पुलिस चौकी की तर्ज पर इस मंदिर का निर्माण शुरू करवा दिया. तब से मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और गहरी हो गई. यहां आने पर देख सकते हैं कि मंदिर में बहुत सी घंटियां बंधी हुई हैं जो लोगों की मनोकामनाएं पूरी होने का प्रमाण हैं.
विशेष प्रसाद चढ़ाने की परंपराबगहा बाबा धाम में श्रद्धालु विशेष प्रसाद चढ़ाते हैं. माना जाता है कि बगहा बाबा तिल के लड्डू से प्रसन्न होते हैं, इसलिए यहां आने वाले भक्त बाबा को तिल के लड्डू चढ़ाते हैं. इसके साथ ही, अपनी मन्नतें पूरी होने के लिए श्रद्धालु मंदिर में घंटियां भी बांधते हैं.
भव्य मेले का आयोजनपुजारी अशोक तिवारी ने बताया कि कार्तिक मास की एकादशी के दिन यहां भव्य मेला आयोजित होता है. इसमें 15,000 से अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है. अगर आप बगहा बाबा के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको सुल्तानपुर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर कुड़वार रोड पर स्थित ग्राम सभा कटावां जाना होगा. यह मंदिर कुड़वार रोड के बिल्कुल बगल में है.
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