कुशीनगर. देश भर में दिवाली (Diwali 2021) मानने के लिए लोग तैयार हैं, लेकिन यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को मिड डे मील बनाने वाले रसोइया (Mid Day Meal Cook) के चेहरे बुझे हुए हैं. प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को गरमा गरम खाना खिलाने वाले रसोइया के घर खाना बन रहा है या नहीं, इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. पिछले 8 महीनों ने मानदेय न मिलने से रसोइया परेशान हैं. उन्हें चिंता सता रही है कि अब दिवाली पर उनके घर कैसे रोशन होंगे? कैसे उनके बच्चों को दिवाली की मिठाई मिलेगी? यूपी के कुशीनगर में जूनियर और प्राथमिक को मिलाकर कुल 2464 विद्यालय हैं, जिनमें 7877 महिला और पुरुष रसोइया तैनात हैं.
स्कूल खुलने के साथ ही रसोइया बच्चों को गरमागरम भोजन खिलाने की जुगत में लग जाते हैं. प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को भोजन कराने वाले रसोइया के घर भोजन बन रहा है की नहीं, इसकी खोज खबर लेने वाला शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों में कोई नहीं है. मात्र 1500 सौ रुपए हर माह पर काम करने रसोइया को पिछले मार्च से मानदेय नहीं मिला है, जिससे वे परेशान हैं.
रसोइया का कहना है कि मानदेय न मिलने से उन्हें काफी दिक्कतें हो रहीं हैं. आने वाले दिनों में दिवाली और छठ का त्यौहार है, लेकिन उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि उनका त्योहार कैसे मनेगा? सुगंती देवी, विसरावती देवी और शंकर प्रसाद सहित कुशीनगर के सभी प्राथमिक विद्यालयों में तैनात रसोइयों का कहना है कि सरकार सभी का ध्यान रख रही है, लेकिन हमें भूल गई है. अगर सरकार हमारा बकाया मानदेय दे दे तो हम भी अपना त्योहार मना लेंगे.
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