फतेहपुर. यूपी के फतेहपुर जिले में बिंदकी तहसीलदार की कोर्ट ने मलवा गांव में बनी मदीना मस्जिद को अवैध घोषित कर दिया है. इस मामले में हिंदू पक्ष की ओर से एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई है. हिंदू पक्ष का आरोप था कि मदीना मस्जिद ग्राम समाज की बंजर जमीन पर बनी है जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना था कि 20 वर्ष पहले पट्टे में मिली जमीन पर मदीना मस्जिद का निर्माण कराया गया था जो वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड है.
बिंदकी तहसीलदार की कोर्ट ने 22 अगस्त को इस मामले में सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि गाटा संख्या- 1334मि०/0240 हेक्टयर बंजर में रकबा 0.0180 हेक्टेयर, गाटा संख्या- 1429मि०/ 0.7610 हेक्टेयर ऊसर में से 0.0040 हेक्टेयर मस्जिद बनाकर अवैध कब्जा कर ग्राम सभा की संपत्ति को क्षतिपूर्ति पहुंचने के कारण 60.500 रुपये की क्षतिपूर्ति भारित करते हुए बेदखली किए जाने का आदेश पारित किया जाता है. राजस्व निरीक्षक को निर्देशित किया जाता है कि आवश्यक पुलिस बल लेकर अवैध कब्जा हटवाकर रिपोर्ट कोर्ट में जल्द से जल्द पेश करें.
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आपको बता दें कि 15 दिन पहले वीएचपी के बैनर तले तमाम हिंदूवादी सगठनों ने हिंदू महापंचायत कर अपनी मांगों को लेकर हुंकार भरी थी. वीएचपी के प्रांतीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय का आरोप था कि मलवां में सरकारी जमीन पर मदीना मस्जिद और मदरसा बनाया गया है. जमीन को लेकर हिंदू संगठन पिछले 19 सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं. यह लड़ाई साल 2005 से चली आ रही है, जिस पर डीएम ने इस मामले में 15 दिन के भीतर कोर्ट के जरिए निस्तारण किए जाने का आश्वसन दिया था.
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तहसीलदार की कोर्ट ने मदीना मस्जिद को अवैध करार देते हुए कब्जा मुक्त करने का आदेश दिया है. सुन्नी वक्फ मदीना मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष हैदर अली का कहना है कि साल 1976 में ग्राम प्रधान ने मस्जिद के नाम पर तीन बिस्वा जमीन पट्टे के रूप में दी थी. कई सालों बाद मदीना मस्जिद को वक्फ बोर्ड में भी रजिस्टर्ड कराया गया था. उन्होंने कोर्ट के आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही है.
Tags: Fatehpur News, UP newsFIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 20:41 IST