UP News : इस गांव में मुस्लिमों ने नाम में जोड़ा दुबे-तिवारी, गाय की करते हैं सेवा, जानें क्या है वजह? – Muslim Family added Dubey Tiwari surname to their names worshiping cows in this UP village reason will shock you surely Ground report

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UP News : इस गांव में मुस्लिमों ने नाम में जोड़ा दुबे-तिवारी, गाय की करते हैं सेवा, जानें क्या है वजह? - Muslim Family added Dubey Tiwari surname to their names worshiping cows in this UP village reason will shock you surely Ground report

जौनपुर. जौनपुर जिले के केराकत तहसील के डेहरी गांव में कुछ मुस्लिम परिवार के लोगों ने अपने पूर्वजों के हिन्दू होने का दावा करते हुए अपने नाम के आगे दुबे-तिवारी सरनेम लगाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं यहां के मुस्लिम अब गायों की सेवा करना भी शुरू कर दिए है. न्यूज 18 की टीम डेहरी गांव के उस घर पर पहुंची जहां लोग अपने नाम के आगे दुबे लिख रहे हैं.

यह कहानी जनपद जौनपुर मुख्यालय से 45 किमी दूर केराकत तहसील में स्थित है गांव डेहरी. गांव मुस्लिम गांव है. दो साल पहले इस गांव के कुछ लोगों ने अपने पूर्वजों की तलाश करनी शुरू कर दी. गांव के नौशाद अहमद अब नौशाद अहमद दुबे हो गए हैं. नौशाद बताते है कि उन्होंने अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी इकट्ठा की तो पता चला कि उनके पिता लाल बहादुर दुबे से लाल बहादुर शेख हुए थे. वो लोग आजमगढ़ के रहने वाले थे.

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पूर्वजों की तलाश के बाद नौशाद अहमद ने अपने नाम के आगे दुबे लगा लिया. नौशाद अब गायों की सेवा भी करते हैं. हालांकि नौशाद के घर के किसी अन्य सदस्य ने अपना सर नेम चेंज नहीं किया है.

नौशाद ने बताया, ‘वह दो साल से दुबे टाइटल लगा रहे हैं. मुझे लगा कि देश के अंदर अगर मूल जड़ के अनुसार नाम लिखा जाए तो आधी नफरत खत्म हो जाएगी. मैंने हमेशा शेख, मिर्जा, सैय्यद टाइटल का विरोध किया है. मैंने अपन गोत्र भी खोजा है. हमारा गोत्र वत्स है. हमारे पूर्वज बताया करते थे कि हम दुबे थे. मैं धर्म की बात नहीं कर रहा हूं. मैं अधर्मी नहीं हूं. धर्म से लोग जुड़ेंगे तो लोग प्रकाश की ओर जाएंगे. हमारी पूजा-पद्धति अलग हो सकती है. मैं किसी पूजा-पद्धति का विरोध भी नहीं करता. पूर्वजों ने क्यों धर्म परिवर्तन किया, इसकी वजह तो मुझे पता नहीं. मैंने समरस्ता लाने के लिए दुबे टाइटल लगाया है.’

डेहरी गांव के ही पड़ोसी शेख अब्दुल्ला अब शेख अब्दुल्ला दुबे हो गए हैं. अब्दुला ने बताया कि उन्होंने भी अपने पूर्वजों की खोज की और अब वो दुबे हो नाम के आगे लिखने लगे हैं. डेहरी के मुस्लिम बस्ती के ही एहतेशाम अहमद बताते हैं कि उनके भी पूर्वज हिंदू ब्राह्मण थे लेकिन अभी उन्होंने अपने नाम के आगे टाइटल लगाना जरूरी नहीं समझा है.

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सवाल उठता है कि अचानक इन लोगों को दो साल से ही ऐसी क्या जरूरत आ गई, जो दो साल पहले से ही पूर्वजों को खोजने लगे. दिलचस्प यह भी है कि पुरखों की खोज के दावे में महज परिवार के एक ही सदस्य का टाइटल ही क्यों चेंज किया. मुस्लिमों की जुबानी दुबे पंडित जैसी टाइटल रखने की कहानी के पीछेकी जड़ों की तार जौनपुर से दूर होने की आशंका व्यक्त की जा रही है.

Tags: Bizarre news, Jaunpur news, UP news, Weird newsFIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 22:51 IST

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