हाइलाइट्सइस मामले में 26 लोगों के खिलाफ हत्या व दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज हुआ था.विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) मोहम्मद असलम ने 17 हत्यारोपियों को सजा सुनाईहमीरपुर. 28 साल पूर्व हमीरपुर जनपद के कुरारा थानाक्षेत्र के चकोठी गांव में पुरानी रंजिश के चलते गांव के दो लोगों को गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 26 लोगों के खिलाफ हत्या व दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज हुआ था. मंगलवार को विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) मोहम्मद असलम ने 17 हत्यारोपियों को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई. मुकदमे की सुनवाई के दौरान 5 आरोपियों की मौत हो गई थी, जबकि लाला उर्फ ब्रजमोहन का वाद किशोर न्यायालाय बोर्ड में विचाराधीन है और तीन हत्यारोपित कोर्ट में हाजिर नहीं हुए.
लोक अभियोजक विजय सिंह ने बताया कि 16 मार्च 1994 को वादी मुकदमा रमेशचंद्र पुत्र रामनरायन निवासी चकोठी घर जा रहा था. तभी सुरेंद्र सिंह हाथ में रायफल, रामऔतार दोनाली, वीर सिंह बंदूक, राजेंद्र बाबू हाथ में बंदूक, दद्दू दोनाली, लाला हाथ में फरसा, विजय सिंह के हाथ में तमंचा, भूर सिंह के हाथ में दोनाली, जाहर सिंह के हाथ में असलहा, पुतान सिंह के हाथ में कुल्हाड़ी, राजेंद्र सिंह के राथ में तमंचा, भीकम सिंह के हाथ में एकनाली, छोटा के हाथ में अद्धी, ओंमकार के हाथ में तमंचा, अर्जुन सिंह व भरत सिंह एवं महराज के हाथ में तमंचा, इंद्रपाल सिंह के हाथ में भाला, सूरज सिंह के हाथ में कुल्हाड़ी, लाला व पप्पू के हाथ में तमंचा, संतोष सिंह पुत्र महेंद्र निवासी झलोखर के हाथ में रायफल, शिवबदन के हाथ में तमंचा, कामता सिंह, छुटभाई हाथ में तमंचा व कुल्हाड़ी एवं कुछ बाहरी बदमाशों ने उसके दरबाजे आकर भाई जसवंत को गोलियों से छलनी कर दिया और चार हजार रुपए लूट लिए. भाई जसवंत को मारने के बाद उक्त मुल्जिमान गांव के मोतीलाल पुत्र सुनवा को गांव से खदेड़कर ले गए, जो अपनी जान बचाकर रिठारी की तरफ भागा. मोतीलाल को रिठारी के फूला के घर में गोली व फरसे से मारकर हत्या कर दी.
मंगलवार को मुकदमें की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) मोहम्मद असलम ने जसवंत व मोतीलाल की हत्या के मामले में वीर सिंह, जाहर सिंह, भीष्म सिंह, भारत, महाराज, भूरा, इंद्रपाल, पप्पू उर्फ रणजीत, कामता, छुटकाई, शिवबदन सिंह, विजय सिंह, ओंकार सिंह, राजेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, अर्जुन सिंह, दद्दू उर्फ बृजकिशोर को हत्या व दलित उत्पीड़न का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 30-30 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई. दौरान मुकदमा सुनवाई रामऔतार सिंह, सूरज सिंह, देव सिंह उर्फ लाला, छोटे सिंह व संतोष की मौत हो चुकी है, जबकि लाला उर्फ बृजमोहन का वाद किशोर न्यायालय में विचाराधीन है. राजनबाबू, पुतान व रामाधीन कोर्ट में हाजिर नहीं हुई जिससे उनकी पत्रावली अलग कर दी गई.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : September 14, 2022, 15:15 IST
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