UP Nagar Nikay Chunav: मेरठ मेयर पद पर समाजवादी पार्टी को कभी नहीं मिली जीत, बसपा और बीजेपी के पास ही रही कुर्सी, क्या इस बार बदलेगी किस्मत

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हाइलाइट्समेरठ नगर निगम चुनाव का इतिहास सपा के लिए काफी निराशाजनक रहा हैमेरठ नगर निगम में कभी बीजेपी तो कभी बसपा का ही रहा है कब्जा इस बार सपा इतिहास बदलने की कोशिश में जुटी है मेरठ. मेरठ नगर निगम का चुनाव आगामी 11 मई को होना है. बीजेपी, बसपा, सपा समेत सभी पार्टियां यूपी निकाय चुनाव 2023 के लिए जोर आजमाइश कर रही हैं. सभी दलों के अपने-अपने दावे हैं. लेकिन मेरठ नगर निगम चुनाव का इतिहास समाजवादी पार्टी के लिए काफी निराशाजनक रहा है. अब तक मेरठ में जितने भी निकाय चुनाव हुए हैं, उसमें कभी बसपा तो कभी बीजेपी के प्रत्याशी को ही जीत मिली है. समाजवादी पार्टी एक बार भी जीत दर्ज नहीं कर सकी है.

1995 में जब नगर निगम का चुनाव हुआ तो बसपा ने जीत हासिल की. 2000 में बसपा से ही शाहिद अखलाक विजयी रहे. 2006 में ओबीसी वर्ग से आने वाली बीजेपी की मधु गुर्जर और फिर 2012 में बीजेपी के हरिकांत अहलूवालिया जीते. 2017 में बसपा में रहीं सुनीता वर्मा ने जीत हासिल की थी. हालांकि अब वो सपा का दामन थाम चुकी हैं. ऐसे में सपा को मेरठ नगर निगम का ये इतिहास बिल्कुल भी रास नहीं आता.

हालांकि सुनीता वर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में सड़कें बनवाईं. चौराहों का सौंदर्यीकरण कराया. कबाड़ से जुगाड़ अभियान को पीएम ने मन की बात में सराहा. शहर में स्वच्छता को लेकर राष्ट्रपति ने सम्मानित किया. कूड़ा निस्तारण को लेकर कार्य किए. वो कहती हैं कि इस बीच कोरोना आ गया इसलिए दो साल ठीक से कार्य नहीं हो पाए. अधिकारी बार-बार बदलते रहे, इसलिए भी कुछ कार्यों में रुकवाट रही. चार नगर आयुक्त चेंज हुए. ये पूछे जाने पर कि अब तो इस बार वो चुनाव नहीं लड़ सकीं क्योंकि सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई है. वो कहती हैं कि आऩे वाले मेयर से वो अपेक्षा करती हैं कि शहर को कूड़ामुक्त बनाएं. क्योंकि कूड़े का सफाया पूरी तरह से नहीं हो पाया. वो कहती हैं कि मलीन बस्तियों में और कार्य किए जाने की आवश्यकता है. अब तक शहर के नाले नहीं ढके गए. आए दिन नालों की वजह से बड़े हादसे हो जाते हैं. लिहाजा़ नाले ढके जाने चाहिए. साथ ही वो घोटालों की जांच की बात करती हैं.

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सुनीता वर्मा का कहना है कि उन्हें दुख है कि चुनाव नहीं लड़ पा रही हूं, लेकिन जब भी मौका मिलेगा वो अवश्य चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी. सुनीता वर्मा के पति योगेश वर्मा हस्तिनापुर से एक ज़माने में विधायक रहे हैं. सुनीता का कहना है 2017 में जब सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित हुई थी तो उनके पति योगेश वर्मा ने उन्हें जीत दिलाई, अब जबकि उनके पति आने वाले लोकसभा चुनाव में ताल ठोकेंगे तो वो अपने पति को जिताकर उन्हें रिटर्न गिफ्ट देंगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Meerut news, UP Nagar Nikay ChunavFIRST PUBLISHED : April 12, 2023, 06:26 IST



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