UP में शराब की दुकानों के लिए मारा-मारी, एक आवेदन के लिए देनी पड़ती है इतनी फीस

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UP में शराब की दुकानों के लिए मारा-मारी, एक आवेदन के लिए देनी पड़ती है इतनी फीस

Last Updated:March 04, 2025, 23:43 ISTUP liquor shop license: उत्तर प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति 2025-26 के तहत शराब और भांग की दुकानों के लाइसेंस ई-लॉटरी से मिलेंगे. लाइसेंस आवेदन शुल्क ₹45,000 से ₹1 लाख तक होगा.प्रतीकात्मक तस्वीरउत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि अब प्रदेश में शराब और भांग की दुकानों के लाइसेंस ई-लॉटरी प्रणाली के जरिए आवंटित किए जाएंगे. इससे पहले लाइसेंस का नवीनीकरण होता था, लेकिन इस बार पुराने लाइसेंस धारकों को कोई रिन्यूअल सुविधा नहीं मिलेगी. हालांकि, 2026-27 में यह व्यवस्था फिर शुरू होगी.

इतनी देनी होगी आवेदन फीसनई नीति के तहत, दुकान के लाइसेंस के लिए आवेदन शुल्क को पांच श्रेणियों में बांटा गया है:

बड़े शहरों में फीस ज्यादा – गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर और कानपुर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में देशी शराब की दुकान के लिए ₹65,000, मिश्रित दुकान के लिए ₹90,000, मॉडल दुकान के लिए ₹1 लाख और भांग की दुकान के लिए ₹25,000 फीस तय की गई है.

अन्य बड़े शहरों में – यहां देशी शराब की दुकान के लिए ₹60,000, मिश्रित दुकान के लिए ₹85,000, मॉडल दुकान के लिए ₹90,000 और भांग की दुकान के लिए ₹25,000 देना होगा.

नगर पालिका क्षेत्र – इन इलाकों में देशी शराब की दुकान के लिए ₹50,000, मिश्रित दुकान के लिए ₹75,000, मॉडल दुकान के लिए ₹80,000 और भांग की दुकान के लिए ₹25,000 फीस लगेगी.

नगर पंचायत क्षेत्र – यहां देशी शराब की दुकान के लिए ₹45,000, मिश्रित दुकान के लिए ₹65,000, मॉडल दुकान के लिए ₹70,000 और भांग की दुकान के लिए ₹25,000 का शुल्क तय किया गया है.

अब एक व्यक्ति नहीं ले सकता एक से ज्यादा लाइसेंसनई नीति के तहत, किसी भी व्यक्ति या संस्था को दो से अधिक शराब दुकानों के लाइसेंस नहीं दिए जाएंगे. इसके अलावा, प्रीमियम ब्रांड की शराब दुकानों को मॉल या मल्टीप्लेक्स में खोलने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन एयरपोर्ट, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर इन्हें खोला जा सकता है, बशर्ते संबंधित प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मिल जाए.

सरकार का ₹55,000 करोड़ का राजस्व लक्ष्यप्रदेश सरकार ने इस बार आबकारी विभाग से ₹55,000 करोड़ का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से ₹4,000 करोड़ अधिक है. सरकार ने शराब की कीमतों में भी वृद्धि की संभावना जताई है.

मिश्रित दुकानों की नई व्यवस्थापहली बार प्रदेश में “मिश्रित दुकानें” शुरू की जाएंगी, जहां एक ही काउंटर से बीयर, विदेशी शराब और देसी शराब बेची जा सकेगी. हालांकि, इन दुकानों पर बैठकर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी. पहले बीयर की अलग दुकानें होती थीं, लेकिन अब यह विदेशी शराब की दुकानों के साथ जोड़ दी जाएगी.

होम लाइसेंस की भी सुविधासरकार ने निजी होम लाइसेंस की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है. इसके तहत, व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए खुदरा सीमा से अधिक शराब खरीद, परिवहन और स्टोर कर सकता है. इसके लिए ₹11,000 सालाना शुल्क और ₹11,000 का सुरक्षा जमा देना होगा. आवेदन करने वाले व्यक्ति को बीते तीन वर्षों का आयकर रिटर्न दाखिल करना जरूरी होगा, जिसमें से कम से कम दो वर्षों में 20% टैक्स स्लैब में आय होनी चाहिए.
First Published :March 04, 2025, 23:43 ISThomeuttar-pradeshUP में शराब की दुकानों के लिए मारा-मारी, एक आवेदन के लिए देनी पड़ती इतनी फीस

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