UP: किसानों के लिए CM योगी का बड़ा ऐलान, मिलेगी पूरी बिजली, नहीं कटेंगे ट्यूबवेल कनेक्शन

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UP: किसानों के लिए CM योगी का बड़ा ऐलान, मिलेगी पूरी बिजली, नहीं कटेंगे ट्यूबवेल कनेक्शन



हाइलाइट्समुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, नहीं होने देंगे किसानों का नुकसानकिसानों को मुहैया कराएं सोलर पैनलट्यूबवेल की तकनीकी खराबी को हर हाल में 24 से 36 घंटे के भीतर करें ठीकलखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में मॉनसून और फसल बोआई की स्थिति की समीक्षा की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए अनेक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए. सीएम योगी ने निर्देश देते हुए कहा कि अन्नदाता किसानों के व्यापक हित को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान परिस्थितियों में किसानों को अतिरिक्त सहायता दिया जाना आवश्यक है. अतः बकाये के कारण किसानों के ट्यूबवेल बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएं. पॉवर कॉर्पोरेशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बढ़ाई जाए. इस आदेश का तत्काल अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित करें.
सीएम ने कहा कि अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच एक-एक अन्नदाता किसान का हित सुरक्षित रखा जाएगा. खेती-किसानी की जमीनी स्थिति का सूक्ष्मता से आंकलन करते हुए किसानों को हर संभव मदद मुहैया उपलब्ध कराई जाएगी. कम वर्षा के कारण किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी. इस संबंध में अविलंब सभी विकल्पों को समाहित करते हुए बेहतर राहत कार्ययोजना तैयार की जाए.
उन्होंने कहा कि ट्यूबवेल की तकनीकी खराबी को हर हाल में 24 से 36 घंटे के भीतर ठीक करा दिया जाए. इसे शीर्ष प्राथमिकता दिया जाना अपेक्षित है. जहां ट्यूबवेल पर निर्भरता ज्यादा है, वहां सौर पैनल लगाया जाना चाहिए. प्रदेश में वर्षा की स्थिति, फसल बोआई की सही स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट अगले तीन दिन के भीतर भारत सरकार को भेजी जाए.
बता दें कि इस वर्ष 20 अगस्त तक प्रदेश में कुल 284 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जो कि वर्ष 2021 में हुई 504.10 मिमी और वर्ष 2020 में हुई 520.3 मिमी वर्षा के सापेक्ष कम है. इस बीच एकमात्र चित्रकूट जनपद ऐसा रहा जहां सामान्य (120% से अधिक) वर्षा हुई. सामान्य वर्षा न होने के कारण खरीफ फसलों की बोआई का कार्य प्रभावित हुआ है. हालांकि 19 जुलाई के बाद हुई बरसात से स्थिति में काफी सुधार हुआ है.
जानिए सीएम योगी ने अधिकारियों से क्या कहा1- पम्प कैनालों का संचालन सुचारू रूप से जारी रहे. संवेदनशील तटबंधों की निगरानी के लिए सतत पेट्रोलिंग की जाए. जिला प्रशासन,सिंचाई विभाग को हर जरूरी सहायता उपलब्ध कराए. बेहतर तालमेल होना चाहिए.
2- अभी कम बारिश हुई है, संभव है कि आने वाले कुछ दिनों में तेज और अधिक वर्षा हो. ऐसे में हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा. कृषि, सिंचाई, राहत, राजस्व आदि सम्बंधित विभाग अलर्ट मोड में रहें. प्रत्येक जनपद में कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों से सतत संवाद बनाये रखें. उन्हें सही जानकारी उपलब्ध हो.
3- अगस्त के अंतिम सप्ताह तक सभी जिलों एवं कृषि विभाग से फसल की स्थिति, पेयजल की स्थिति एवं पशुओं के लिए चारा की उपलब्धता के संबंध में रिपोर्ट प्राप्त की जाए.
4- वर्षा मापन अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. हमारी किसान हितैषी नीतियां इसके आंकलन पर निर्भर करती हैं. वर्तमान में तहसील स्तरों पर रेन गेज़ यानी वर्षा मापक यंत्र लगाए गए हैं, इन्हें विकास खंड स्तर पर बढ़ाये जाने की कार्यवाही की जाए. अधिकाधिक वर्षा मापक यंत्रों से वर्षा की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी.
5- मौसम का सही अनुमान अलर्ट जनजीवन के व्यापक हित को सुरक्षित करता है. अधिक सटीक अनुमान और तदनुरूप मौसम अलर्ट के लिए कमिश्नरी स्तर पर यंत्र स्थापित किए जाएं. इस कार्य में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सहायता भी ली जाए.
6-आकाशीय बिजली के सटीक पूर्वानुमान की बेहतर प्रणाली का विकास जरूरी है. जनहानि, पशुहानि को न्यूनतम रखने के लिए यह जरूरी है. राजस्व एवं राहत कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग, केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से संवाद-संपर्क बनाएं.
7- किसानों को मौसम की सही जानकारी देने के लिए राज्य स्तर पर पोर्टल विकसित किया जाए. इसी प्रकार, फसल बुवाई की विस्तृत जानकारी के लिए डेटा बैंक तैयार किया जाए. किसान की उन्नति के लिए नीति-निर्धारण में यह डेटा बैंक उपयोगी सिद्ध होगा.
8- बाढ़,अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए. प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रहें. आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए. इन्हें विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाए.
9- नौकाएं, राहत सामग्री आदि के प्रबंध समय से कर लें. बाढ़, अतिवृष्टि से पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो. प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए.
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