संजय यादव/ बाराबंकी: जहां एक तरफ यूपी सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं बाराबंकी जिले में कुछ अलग ही नजारा है. यहां यहां जिला अस्पताल के डॉक्टरों को संसाधन की कमी से जूझना पड़ रहा है. मरीजों को भी इलाज के नाम पर केवल औपचारिकता ही मिल पाती है. जिला अस्पताल में बिजली अभाव के चलते रात में डॉक्टरों को टॉर्च जलाकर मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
बाराबंकी जिला अस्पताल में कई बार उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक निरीक्षण कर चुके हैं. निरीक्षण के दौरान जो अव्यवस्थाएं मिली थीं, उनको डिप्टी सीएम ने दुरुस्त करने के आदेश भी दिए थे, लेकिन यहां का हाल डिप्टी सीएम के दौरे के बाद भी नहीं सुधरा. दरअसल, बाराबंकी जिला अस्पताल सहित कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अव्यवस्थाओं का आलम है. अस्पताल में आए दिन बिजली कटी रहती है. अस्पताल में जनरेटर की भी व्यवस्था है, लेकिन यह कभी चलता है, कभी चालू नहीं हो पाता.
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टॉर्च की रोशनी में होता है इलाजबिजली गुल होने के बाद यदि जनरेटर नहीं चालू हो पाया जब उस दिन अस्पताल अंधेरे में डूबा रहता है. इन अव्यवस्थाओं को जानते हुए भी जिले के स्वास्थ्य अधिकारी समस्याओं को दुरुस्त नहीं करवा पा रहें हैं, जिसके कारण यहां के डॉक्टर और स्टाफ को रात के अंधेरे में जूझना पड़ता है. मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ता है.
पहले भी आए हैं ऐसे कई मामलेवहीं मरीजों ने बताया कि आए दिन इस अस्पताल में यही समस्या बनी रहती है. बगैर लाइट के हम लोग घंटों अंधेरे में रहते हैं. अगर इंजेक्शन लगाना होता है तो मोबाइल की टॉर्च जला कर लगवाते हैं.
.FIRST PUBLISHED : July 20, 2023, 22:04 IST
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