लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक महीने में लगातार तीन दौरों ने विपक्षी दलों की पेशानी पर बल ला दिया है. एक समय था जब पूर्वांचल बीजेपी के लिए बंजर था. लेकिन 2017 में बीजेपी ने पूर्वांचल में क्लीन स्वीप किया था, लेकिन कुछ जिले ऐसे रहे जहां बीजेपी ने कम सीटें पाई थीं. बीजेपी आजमगढ़ की 10 में से सिर्फ एक सीट, जौनपुर की 9 में से 4, गाजीपुर की 7 में से 3, अंबेडकरनगर की 5 में से 2 और प्रतापगढ़ की 7 में से 2 सीटें ही जीत सकी थी. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 4 लोकसभा सीटें पूर्वांचल में गंवा दी हैं. हाल ही में हुए जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी को सत्ता में रहते हुए पूर्वांचल के आजमगढ़, बलिया और संतकबीरनगर में सपा के हाथों मात खानी पड़ी है. 2022 के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने जिस तरह से राजभर और संजय चौहान से हाथ मिलाया है, बीजेपी के लिए उसके ही गढ़ पूर्वांचल में चुनौती दिखने लगी है.
गौरतलब है कि 2013 में पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर गोरखपुर और वाराणसी में भाजपा की विजय शंखनाद रैली को संबोधित करने पहुंचे मोदी ने पूर्वांचल की बदहाली का मुद्दा उठाया था. इस बदहाली के लिए उन्होंने तत्कालीन केंद्र और राज्य सरकारों को दोषी ठहराया था. उन्होंने इसमें आमूल-चूल बदलाव का वादा किया था. इसका असर भी दिखा और 2014 में भाजपा को अपने सहयोगी अपना दल सहित पूर्वांचल में आने वाली लोकसभा की 22 में 21 सीटों पर जीत मिली. जिस पूर्वांचल में चार-पांच सीटों को छोड़कर भाजपा के लिए लोकसभा की एक-एक सीट किसी चुनौती से कम नहीं रहती हो, उस इलाके में 2014 में भाजपा की प्रचंड जीत मोदी पर भरोसे का संदेश थी. इसे आधार बनाकर पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में इलाके के विकास के लिए भाजपा सरकार की जरूरत का मुद्दा बनाया. इसका नतीजा भी काफी उत्साह जनक रहा. भाजपा को 2017 में इस इलाके में आने वाली विधानसभा की 124 सीटों में से ज्यादातर पर सहयोगी पार्टियों अपना दल और तत्कालीन सहयोगी सुभासपा के साथ सफलता मिली.
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प्रदेश में सरकार बनी तो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने गोरखपुर से 5 बार पार्टी के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाकर पूर्वांचल को ही नेतृत्व सौंपा. साथ ही पूर्वांचल की बदहाली को खुशहाली में बदलने के अपने संकल्प का भरोसा दिलाने की कोशिश की. सड़कों के निर्माण से लेकर सुविधाओं व सरोकारों पर कई काम हुए. चिकित्सा से लेकर शिक्षण संस्थानों की स्थापना और उनके स्वरूप को बदलने के अभियान से भाजपा ने इस इलाके में अपनी पकड़ व पहुंच को लगातार मजबूत बनाया.
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पूर्वांचल विकास बोर्ड का गठन कर क्षेत्र के विकास पर प्रतिबद्धता का संदेश दिया गया. सांस्कृतिक विरासत व सरोकारों के साथ जनता को जोड़कर पर्यटन की सुविधाएं बढ़ाने का काम हुआ. फिर भी राजनीतिक गणित गड़बड़ न हो जाए इसके लिए पूरी कोशिश में पीएम ने कमान संभाल ली है.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
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