लखीमपुर खीरी. निघासन विधानसभा सीट पर किसी पार्टी का लंबे समय तक दबदबा नहीं रहा है. हर पार्टी को बारी-बारी से मौका मिलता रहा है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के प्रभाव वाली इस सीट पर 2017 में यहां से भाजपा के रामकुमार वर्मा ने जीत दर्ज की थी. 2018 में उनके निधन के बाद 2019 में हुए उपचुनाव में उनके बेटे शशांक वर्मा ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. शशांक को 1,20,269 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के मोहम्म्द कय्यूम को 68,987 वोट प्राप्त हुए थे.
इस सीट पर 1952 में पहला चुनाव हुआ था. तब कांग्रेस के ठाकुर करन सिंह ने जीत दर्ज की थी. 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और 1962 के चुनाव में जनसंघ को जीत मिली थी. 1967 में ठाकुर करन सिंह ने फिर कांग्रेस की वापसी कराई. इसके बाद 1969 में भी वह कांग्रेस के टिकट पर जीते थे. कांग्रेस इस सीट पर कुल पांच बार जीती है. आखिरी बार उसे 1985 में जीत मिली थी. निर्वेंद्र कुमार मिश्र इस सीट से लगातार तीन बार जीत दर्ज करने वाले अकेले विधायक हैं. 1989 और 1991 का चुनाव उन्होंने निर्दलीय लड़कर जीता था. 1993 में समाजवादी पार्टी से जीते थे.
1996 में पहली बार राम कुमार वर्मा ने इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाई थी. 2002 में बसपा से आरएस कुशवाहा, 2007 में सपा के कृष्ण गोपाल पटेल ने जीत दर्ज की थी. 2012 में वर्तमान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी भाजपा से जीते. 2014 में उनके लोकसभा का सदस्य बनने के बाद हुए उपचुनाव में सपा के कृष्ण गोपाल पटेल ने भाजपा से यह सीट छीन ली. 2017 के चुनाव में रामकुमार वर्मा ने 46 हजार से अधिक वोटों से कृष्ण गोपाल को हराकर यह सीट फिर से भाजपा के खाते में डाल दी.
जातीय समीकरण3.78 लाख मतदाताओं वाली निघासन सीट पर अनुसूचित जाति के करीब 61 हजार वोटर हैं. मौर्य 51 हजार, यादव 31 हजार, मुस्लिम 35 हजार, ब्राह्मण 28 हजार और वैश्य वोटर लगभग 27 हजार है.
आपके शहर से (लखीमपुर खेरी)
उत्तर प्रदेश
लखीमपुर खेरी
उत्तर प्रदेश
लखीमपुर खेरी
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Lakhimpur Kheri News, UP Assembly Election 2022, UP Election 2022
Source link