आगरा. आगरा की कैंट विधानसभा सीट ने जिसको भी मौका दिया है, भरपूर दिया है. इस सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ था. अब तक हुए 14 चुनावों में इस सीट पर छह बार कांग्रेस, पांच बार भाजपा और तीन बार बसपा जीत चुकी है. समाजवादी पार्टी का खाता अभी तक नहीं खुला है. जातीय समीकरण की बात करें तो 3.83 लाख वोटरों में सबसे अधिक दलित मतदाता हैं. इनकी संख्या 95 हजार है. मुस्लिम 70 हजार, वैश्य 40 हजार और ब्राह्मण वोटर 30 हजार हैं.
आपातकाल के बाद 1977 के चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की जिन कुछ सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें आगरा कैंट सीट भी थी. कांग्रेस की जीत का सिलसिला 1989 में भाजपा ने तोड़ा. उसके उम्मीदवार हरद्वार दुबे ने कांग्रेस से लगातार चार चुनाव जीत चुके कृष्ण वीर सिंह कौशल को 3106 वोटों से हराया था. उसके बाद से कांग्रेस यहां से नहीं जीती.
इसके बाद 1996 के चुनाव तक लगातार चार बार भाजपा के उम्मीदवार जीतते रहे. 2002 के चुनाव में बसपा के मोहम्मद बसीर ने भाजपा का तिलिस्म तोड़ा. फिर तो लगातार तीन बार यानि 2012 के चुनाव तक बसपा यहां से जीतती रही. 2017 में भाजपा के गिरिराज सिंह धर्मेश ने बसपा के निवर्तमान विधायक गुटियारी लाल को 46 हजार से भी अधिक वोटों से हराया था. 2012 के चुनाव में गिरिराज 6415 वोटों से गुटियारी लाल से हारे थे.
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